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Tuesday, 5 November, 2024
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मोदी ने राजपक्षे से कहा: श्रीलंका रहा है भरोसेमंद साझेदार, उम्मीद है तमिलों की आकांक्षाओं को समझेगा

श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा,'भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी, पुराना मित्र है, निकट ऐतिहासिक जुड़ाव हमारे संबंधों को मजबूत नींव प्रदान करते हैं.'

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नई दिल्ली: श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे चार दिवसीय दौरे पर भारत पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे ने शनिवार को विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत वार्ता की और इस दौरान भारत ने उम्मीद जताई कि श्रीलंका की सरकार वहां के तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को समझेगी.

वार्ता के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत करने और आपसी कारोबार एवं निवेश संबंधों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया.

राजपक्षे की भारत यात्रा को अहम माना जा रहा है कि क्योंकि श्रीलंका के राष्ट्रपति के तौर पर 2005 से 2015 तक उनके कार्यकाल में हिेंद महासागर स्थित उनके द्वीप देश में चीन की उपस्थिति मजूबत हुई थी जिसने भारत की चिंताएं बढ़ा दी थी.

बातचीत के बाद मीडिया के लिए जारी बयान में मोदी ने कहा, ‘श्रीलंका में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि भारत के साथ ही पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के हित में है.’

उन्होंने कहा कि श्रीलंका के विकास में भारत ‘ भरोसेमंद साझेदार’ रहा है और वह श्रीलंका की शांति और विकास यात्रा में उसकी सहायता करना जारी रखेगा.

लंबे समय से लंबित तमिल मुद्दे पर मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि श्रीलंका सरकार एकीकृत श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति के लिए तमिल लोगों की उम्मीदों को समझेगी.

मछुआरों की समस्या पर मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने इससे निपटने में मानवीय रुख अपनाने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा, ‘हमने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग मजबूत करने का फैसला किया है.’

उल्लेखनीय है कि महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के मौजूदा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बड़े भाई हैं और पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद पहली विदेश यात्रा पर शुक्रवार को पांच दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे थे.

राष्ट्रपति भवन में शनिवार को राजपक्षे का औपचारिक स्वागत किया गया. स्वागत के बाद हैदराबाद हाउस में राजपक्षे ने पीएम मोदी से मुलाकात की. वहीं इससे पहले राजपक्षे ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर से मुलाकात की थी.

वार्ता के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत करने और आपसी कारोबार एवं निवेश संबंधों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया.

राजपक्षे की भारत यात्रा को अहम माना जा रहा है कि क्योंकि श्रीलंका के राष्ट्रपति के तौर पर 2005 से 2015 तक उनके कार्यकाल में हिेंद महासागर स्थित उनके द्वीप देश में चीन की उपस्थिति मजूबत हुई थी जिसने भारत की चिंताएं बढ़ा दी थी.

बातचीत के बाद मीडिया के लिए जारी बयान में मोदी ने कहा, ‘श्रीलंका में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि भारत के साथ ही पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के हित में है.’

भारत दौरे पर आए महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 तक देश के राष्ट्रपति रहे. वह दक्षिण एशिया में सबसे अधिक समय तक राष्ट्रपति रहे नेताओं में से एक हैं. वह 2018 में भी थोड़े समय के लिए प्रधानमंत्री रहे. दिल्ली में कार्यक्रमों के बाद महिंदा राजपक्षे वाराणसी, सारनाथ, बोधगया और तिरुपति जाएंगे.

दोनों देशों के प्रमुख नेताओं की संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,’सबसे पहले तो मैं अपने मित्र महिंद राजपक्ष को प्रधानमंत्री बनने के लिए ह्रदय से बधाई देता हूं.पदभार संभालने के तुरंत बाद उन्होंने मेरा निमंत्रण स्वीकार किया और अपने पहले विदेश दौरे के लिए भारत को चुना. इसके लिए मैं उनका आभारी हूं.’

पीएम ने कहा, ‘चाहे सुरक्षा हो या अर्थव्यवस्था या सामाजिक प्रगति, हर क्षेत्र में हमारा अतीत और हमारा भविष्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है.​श्रीलंका में स्थायित्व, सुरक्षा, और समृद्धि भारत के हित में तो है ही, पूरे हिन्द महासागर क्षेत्र के हित में भी है.आतंकवाद हमारे क्षेत्र में एक बहुत बड़ा ख़तरा है. हम दोनों देशों ने इस समस्या का डट कर मुकाबला किया है.​पिछले साल अप्रैल में श्रीलंका में ‘ईस्टर डे’ पर दर्दनाक और बर्बर आतंकी हमले हुए थे. ये हमले सिर्फ़ श्रीलंका पर ही नहीं, पूरी मानवता पर भी आघात थे.’

पीएम ने अपने संबोधन में कहा,’आज की बातचीत में हमने श्रीलंका में संयुक्त आर्थिक परियोजना और आपसी आर्थिक, व्यापारिक, और निवेश संबंधों को बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया. हमने अपने लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाने, पर्यटन को प्रोत्साहन देने, और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर भी चर्चा की है.श्रीलंका के विकास प्रयासों में भारत एक विश्वस्त भागीदार रहा है. पिछले साल घोषित नई लाइन ऑफ क्रेडिट से हमारे विकास सहयोग को और अधिक बल मिलेगा. मुझे विश्वास है कि श्रीलंका सरकार यूनाइटेड श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति, और सम्मान के लिए तमिल लोगों की अपेक्षाओं को साकार करेगी.’

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारी बातचीत का मुख्य मुद्दा दोनों देशों की सुरक्षा रही, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा हमारी मदद की है.’

राजपक्षे ने कहा,’मैं प्रधानमंत्री मोदी को उनकी सरकार की पड़ोसी पहले नीति और उनके द्वारा श्रीलंका को दी जाने वाली प्राथमिकता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी, पुराना मित्र है, निकट ऐतिहासिक जुड़ाव हमारे संबंधों को मजबूत नींव प्रदान करते हैं.’

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