वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आजादी के बाद देश पर शासन करने वाली कांग्रेस सरकारों ने भ्रष्टाचार समाप्त करने की न तो कभी कोशिश की और न ही उनकी ऐसी कोई इच्छा थी, लेकिन उनकी सरकार ने बीते साढ़े चार वर्ष में ऐसा करके दिखाया है. राजीव गांधी का नाम लिए बिना, मोदी ने कहा कि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने पहले कहा था कि अगर 100 रुपये लोगों के कल्याण के लिए केंद्र से भेजा जाता है तो प्रत्येक लाभार्थी तक केवल 15 रुपये ही पहुंचता है, जबकि बाकी 85 प्रतिशत भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है. वह यहां प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी), 2019 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘यह इस तथ्य को स्वीकार करना था कि यह व्यवस्था है, जिसे लंबे समय तक देश पर शासन करने वाली पार्टी ने इस देश को दिया है, पार्टी ने कभी भी इसे रोकने का प्रयास नहीं किया. मध्यवर्गीय करदाता गंभीरता से कर अदा करते रहे और 85 प्रतिशत की लूट होती रही.’
उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में कहा, ‘अब मैं आपको मौजूदा स्थिति बताता हूं. तकनीक का प्रयोग कर हमने इस पूरी 85 प्रतिशत चोरी को रोक दिया है. अगर हम सिस्टम में बदलाव नहीं करते तो, लूट चलती रहती. यह पहले भी हो सकता था, लेकिन ऐसा करने की कोई इच्छा नहीं थी, इरादा नहीं था.’
मोदी ने कहा कि बीते साढ़े चार वर्षों में उनकी सरकार ने सीधे लाभ हस्तांतरण के जरिए कई परियोजनाओं के तहत करीब 5.78 लाख करोड़ रुपये लाभार्थी के खाते में दिए हैं.
उन्होंने कहा कि अगर पुरानी प्रणाली जारी रहती तो, 4.91 लाख करोड़ रुपये भ्रष्टाचार के जरिए बर्बाद हो जाते. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सात करोड़ ऐसे फर्जी लाभार्थियों की पहचान की और उन्हें हटाया है, जो सिर्फ कागजों में ही थे.
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार अब यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि सभी कल्याण योजनाओं में पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित किया जाए.’
भारत चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी करेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां कहा कि एक केंद्रीकृत पासपोर्ट प्रणाली के तहत भारतीय नागरिकों को चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी करने पर काम चल रहा है. ‘हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावास पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट से वैश्विक स्तर पर जोड़े जा रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यह आप सभी के लिए पासपोर्ट सेवा से जुड़ा एक केंद्रीकृत प्रणाली तैयार करेगा. इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए, चिप आधारित ई-पासपोर्ट के लिए काम किया जा रहा है.’
उन्होंने कहा कि पीआईओ (भारतीय मूल के लोग) और ओसीआई (विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक) के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया सरल बनाई जाएगी. सरकार का प्रयास यह है कि भारतीय खुश रहें और विदेश में जहां कहीं भी रहें, सुरक्षित रहें.
प्रधानमंत्री ने कहा, बीते साढ़े चार वर्षों में, विदेशों में मुश्किल में फंसे दो लाख से ज्यादा भारतीयों को सरकार और सरकार के प्रयासों द्वारा मदद पहुंचाई गई है.’
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ समारोह के मुख्य अतिथि हैं. उन्होंने प्रवासियों तक पहुंचने के भारत के प्रयासों की सराहना की. इससे पहले, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोगों का अभिवादन किया.
विदेश मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित भारतीय प्रवासी सम्मेलन में इस वर्ष 5,000 प्रतिनिधियों ने अपना पंजीकरण कराया है.
गौरतलब है कि सम्मेलन में प्रधानमंत्री के आने से एक दिन पहले काफी विवाद खड़ा हो गया था. सम्मेलन को लेकर बांटी गई बुकलेट में मीटू मामले के आरोपी विदेश रज्यमंत्री रहे एमजे अकबर की तस्वीर छपने से सोशल मीडिया में काफी आलोचना हुई थी. विपक्षी दलों ने इस पर जमकर निशाना साधा था.