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Saturday, 21 December, 2024
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विदेश से लौटे भारतीयों को रोज़गार दिलाने के लिए ‘स्वदेश पोर्टल’ के माध्यम से कौशल विकास मंत्रालय कर रहा है पहल

कौशल विकास मंत्रालय की शाखा नेशनल स्किल डवलपमेंट कॉपरेशन (एनएसडीसी) को इस प्रोजेक्ट को लागू करने का जिम्मा सौंपा गया है. केंद्र सरकार के साथ इसमें राज्य सरकारों, उद्योग और रोजगार उपलब्ध कराने वालों को जोड़ा गया है.

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नई दिल्ली: कोरोना संकट की वजह से विदेशों से लौटे तमाम भारतीयों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कौशल विकास मंत्रालय ने एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया है स्वदेश पोर्टल. यह कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है.

इसके अंतर्गत वंदे भारत मिशन के तहत ‘स्वेदश‘ यानि कि स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डेटाबेस फ़ॉर एम्प्लॉयमेंट सपोर्ट कार्ड के जरिए स्किल की मैपिंग की जाएगी. इस डेटा के आधार पर विदेश से वापस लौटे नागरिकों को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

कौशल विकास मंत्रालय की शाखा नेशनल स्किल डवलपमेंट कॉपरेशन (एनएसडीसी) को इस प्रोजेक्ट को लागू करने का जिम्मा सौंपा गया है. केंद्र सरकार के साथ इसमें राज्य सरकारों, उद्योग और रोजगार उपलब्ध कराने वालों को जोड़ा गया है. गौरतलब है कि 30 मई को स्वदेश पोर्टल को लॉन्च किया गया था.

इस संबंध में केंद्रीय कौशल विकास मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने हाल ही में मंत्रालय की एक बैठक बुलाई थी, जिसके तहत इस प्रोजेक्ट को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. मीटिंग में डीजीटी, एनएसडीसी, जेएसएस समेत मंत्रालय की कई शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.

क्या है स्वदेश पोर्टल?

30 मई को लॉन्च किए गए ऑनलाइन पोर्टल स्वदेश में 3 जून तक लगभग 7000 हजार लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.

गौरतलब है कि ये लोग वंदे भारत मिशन के तहत भारत वापस लौटे हैं. विदेशों से लौट रहे इन लोगों को पोर्टल पर जाकर स्वदेश स्किल्स कार्ड भरना होगा. इस कार्ड में कई तरह की जानकारियां मांगी गई हैं, जैसे किस सेक्टर में काम करते थे, जॉब टाइटल क्या था, कितने साल का अनुभव है. इसके साथ ही एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है ताकि फॉर्म भर रहे लोगों की समस्याओं को दूर किया जा सके. इन जानकारियों के बाद ही स्किल्स की मैपिंग की जाएगी.


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कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के डेटा के मुताबिक लौटने वालों लोगों की सबसे ज्यादा संख्या संयुक्त अरब गणराज्य, ओमान, कतर, कुवैत और सऊदी अरब से है, साथ ही ये भी पता चला है कि इनमें से ज्यादातर लोग तेल और गैस के सेक्टर, कंस्ट्रक्शन, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, ऑटोमेटिव और एवियेशन के नौकरियां करते थे.

इसके अलावा आंकड़े ये भी दर्शाते हैं कि केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना राज्यों में सबसे ज्यादा लोग विदेशों से आए हैं.

कृषि क्षेत्र में संभावनाएं

कौशल विकास मंत्रालय स्थानीय प्रशासन की मदद से गृह राज्यों में नौकरियां उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है. इसमें कृषि क्षेत्र में संभावनाएं नजर आ रही हैं. मंत्रालय ने बताया कि इस वक्त उनका फोकस शीर्ष श्रमबल प्रदान करने वाले राज्यों जैसे यूपी, बिहार, बंगाल, ओडिशा, मध्यप्रदेश और झारखंड पर है. मंत्रालय डेटाबेस री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग की जरूरतों की समीक्षा कर मौजूदा स्किल्स की भी मैपिंग करेगा.

केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय के मुताबिक मंत्रालय का ध्यान लोकल उत्पादों पर भी रहेगा. ताकि उनकी ज्यादा से ज्यादा ब्रांडिंग कर कंपीटिशन का हिस्सा बनाया जा सके, अधिक से अधिक प्रचारित कर एक स्वस्थ प्रतियोगिता में लाया जा सकें.

उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाले सालों में हम अपने स्किल वर्कफोर्स की मदद से एक अर्थ जगत में एक नई क्रांति लेकर आयेंगे.’

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