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Wednesday, 18 December, 2024
होमदेशमोदी सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए देश को कई जोन में किया विभाजित-दिल्ली, मुंबई के जिले रेड जोन में

मोदी सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए देश को कई जोन में किया विभाजित-दिल्ली, मुंबई के जिले रेड जोन में

सरकार ने 170 जिलों को रेड जोन के तहत हॉटस्पॉट के रूप में वर्गीकृत किया है. 207 जिलों को गैर-हॉटस्पॉट या व्हाइट जोन के रूप में और 353 अप्रभावित जिलों को ग्रीन ज़ोन के रूप में वर्गीकृत किया है.

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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने देश में 170 जिलों की पहचान कोविड-19 हॉटस्पॉट के रूप में की है. रेड जोन के तहत 207 जिलों को व्हाइट जोन के तहत गैर-हॉटस्पॉट जिलों के रूप में और 353 जिले जो महामारी से प्रभावित नहीं हैं. उन्हें ग्रीन ज़ोन के अंतर्गत वर्गीकृत किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार के बयान के अनुसार 353 जिलों में 20 अप्रैल के बाद प्रतिबंध हट सकते हैं. यदि वहां कोई मामला दर्ज नहीं होता है तो.

रेड ज़ोन या हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किये गए 170 जिलों में प्रतिबंध नहीं हटेगा. इनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चंडीगढ़, श्रीनगर, नागपुर, पुणे, इंदौर जैसे कई प्रमुख शहरों के जिले शामिल हैं.

व्हाइट जोन के कुछ जिलों में ग्वालियर, कांचीपुरम, पुडुचेरी , बरेली, वाराणसी, हरिद्वार और कलिम्पोंग शामिल हैं.

केंद्र द्वारा जिला मजिस्ट्रेटों तक पहुंचने के बाद का कार्य

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने जिलाधिकारियों से कहा कि वे अपने जिलों को तीन रंग के कोड में बांटे- लाल, सफेद और हरे रंग में वर्गीकृत करने के लिए कहा यह स्वास्थ्य समूह से प्राप्त मानदंडों के आधार पर किया गया
यह सूची हर हफ्ते अपडेट की जाएगी.

अधिकारियों के अनुसार, देश में जिलों को मामलों की संख्या के आधार पर हर हफ्ते अवरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाएगा. बुधवार सुबह कैबिनेट सचिव राजीव गौबा द्वारा आयोजित दो अलग-अलग वीडियो कॉल बैठकों में मुख्य सचिवों और जिला मजिस्ट्रेटों को इसकी जानकारी दी गई. इसमें गृह सचिव अजय भल्ला भी उपस्थित थे.

सूची के आधार पर, जिसमें देश में 80 प्रतिशत मामले पाए गए हैं. उन जिलों को लाल के रूप में चिह्नित किया जाएगा, जिन मामलों में कोई मामला नहीं होगा. उन्हें ग्रीन के रूप में चिह्नित किया जाएगा और जहां थोड़े होंगे उन जिलों को श्वेत के रूप में चिह्नित किया जाएगा.

साथ ही, राज्य में 80 प्रतिशत मामलों में योगदान देने वाले जिलों को रेड जोन के रूप में चिह्नित किया जाएगा. ऐसे जिले जो किसी भी सूची में नहीं आते हैं, लेकिन चार दिनों से कम समय की दोगुने दर से बढ़ते मामले को भी इस श्रेणी में शामिल किया जायेगा.

क्षेत्रों के भीतर वर्गीकरण

रेड ज़ोन जिलों के भीतर बड़े प्रकोपों ​​और क्लस्टर्स वाले क्षेत्र होंगे, जहां जिले के बाकी हिस्सों की तुलना में कड़े प्रतिबंध देखने को मिल सकते हैं.

एक अधिकारी ने कहा, ‘बड़े प्रकोपों ​​और क्लस्टर्स वाले क्षेत्र पर प्रतिबंध रहेगा. लेकिन 20 अप्रैल के बाद कुछ आर्थिक गतिविधियों को चालू करने के लिए पूरे जिले को गंभीर रूप से बंद नहीं किया जाएगा.

सूची के अनुसार 14 अप्रैल तक 170 हॉटस्पॉट जिले, जिसमें 123 हॉटस्पॉट जिलों को बड़े प्रकोपों और 47 हॉटस्पॉट जिलों को क्लस्टर के रूप में विभाजित किया गया है.

अगर यहां 28 दिनों तक कोई भी मामला नहीं आता है तो इसे लाल से हरे क्षेत्र में स्थानांतरित किया जा सकता है और अगर कोई केस आएगा तो इसे हरे से लाल में रख दिया जायेगा.

जिन जिलों में 28 दिनों से नए मामले नहीं आये हैं उन्हें ग्रीन जोन के रूप में चिह्नित किया जाएगा.

सूची के अनुसार 22 रेड ज़ोन जिलों के साथ तमिलनाडु ने हॉटस्पॉट के साथ अधिकतम जिलों की संख्या दर्ज की है, इसके बाद आंध्र प्रदेश 16, महाराष्ट्र 14, उत्तर प्रदेश 13, राजस्थान 12 और दिल्ली 10 हैं.

केंद्र शासित प्रदेश और राज्य जिनमें रेड या व्हाइट जोन में कोई भी जिले नहीं हैं. दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव, लक्षद्वीप, मणिपुर और सिक्किम हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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