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Friday, 22 November, 2024
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मोदी 3.0 ने ग्रामीण और शहरी भारत में PM आवास योजना के तहत दी 3 करोड़ घरों को मंजूरी

इनमें से दो करोड़ घर ग्रामीण इलाकों में बन सकते हैं. शहरी इलाकों में पात्र लाभार्थियों को होम लोन पर लगने वाले ब्याज में राहत देने की योजना पर काम चल रहा है.

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नई दिल्ली: नवगठित केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों में तीन करोड़ और घरों को मंजूरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जो एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बड़े फैसलों में से एक था.

नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में पीएमएवाई ने पात्र आर्थिक रूप से गरीब परिवारों को 4.21 करोड़ घर आवंटित किए हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा सोमवार को जारी बयान में कहा गया, “आज कैबिनेट की बैठक में पात्र परिवारों की संख्या में के चलते आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए घरों के निर्माण के लिए 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है.”

पीएमओ के बयान में कहा गया है कि पीएमएवाई के तहत बनाए गए घरों में शौचालय, एलपीजी कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, कार्यात्मक जल नल कनेक्शन आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं, जो अन्य केंद्रीय और राज्य योजनाओं के तहत दी जाती हैं.

इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पिछले साल से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवास की कमी को दूर करने की योजना पर काम कर रही है.

हालांकि, केंद्र ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में घरों की संख्या का ब्योरा नहीं दिया, लेकिन इस साल के अंतरिम बजट के अनुसार, यह ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ परिवारों को घरों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय — पीएमएवाई-शहरी को लागू करने के लिए नोडल मंत्रालय — शहरी क्षेत्रों में पात्र लाभार्थियों को होम लोन पर राहत प्रदान करने की योजना पर भी काम कर रहा है.

लोकसभा चुनावों से पहले सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों और शहरों में मध्यम वर्ग के लोगों से जुड़ने के लिए किफायती आवास पर अभियान चलाया.

मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में घोषणा की थी कि सरकार शहरी क्षेत्रों में मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए होम लोन पर लगाए गए ब्याज पर राहत प्रदान करने की योजना बना रही है.

लाल किले की प्राचीर से बोलते हुए पीएम ने कहा, “मध्यम वर्ग के परिवार अपने खुद के घर का सपना देख रहे हैं. हम आने वाले कुछ सालों के लिए इसके लिए भी योजना लेकर आ रहे हैं…परिवार के जो सदस्य शहरों में रहते हैं, लेकिन किराए के मकान में रहते हैं, झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं, चॉल में रहते हैं, अनधिकृत कॉलोनियों में रहते हैं (उन्हें कवर किया जाएगा). हमने लोगों को बैंक से लिए जाने वाले लोन के ब्याज में राहत देकर लाखों रुपये बचाने में मदद करने का फैसला किया है.”

इस साल फरवरी में 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ अतिरिक्त घर बनाने के फैसले की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था, “कोविड के कारण चुनौतियों के बावजूद, पीएमएवाई-जी का कार्यान्वयन जारी रहा और हम तीन करोड़ घरों के लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब हैं. परिवारों की संख्या में वृद्धि से उत्पन्न होने वाली आवश्यकता को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में दो करोड़ और घर बनाए जाएंगे.”

इस साल 31 मार्च को समाप्त हुई पीएमएवाई-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 2.95 करोड़ ग्रामीण लाभार्थियों को घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता मिली है और इस योजना पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के डैशबोर्ड से पता चला है कि इनमें से 2.62 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं. दूसरी ओर, नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पीएमएवाई-शहरी के तहत 1.19 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है.

पिछले साल मोदी सरकार ने नवंबर 2023 में शुरू किए गए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) को पांच लाख अतिरिक्त घर मंजूर करने का भी फैसला किया था.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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