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Thursday, 21 November, 2024
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यूपी के सरकारी अस्पताल का हाल, इटावा में मोबाइल की रोशनी के भरोसे लगाए गए टांके

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सरकारी अस्पताल में की बिजली न होने के चलते मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में घायलों का इलाज हो रहा है.

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लखनऊ/इटावा: इन दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर के अस्पतालों की चर्चा तो हर ओर है लेकिन उत्तर प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों का हाल भी बेहाल है. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सरकारी अस्पताल में की बिजली न होने के चलते मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में घायलों का इलाज हो रहा है. न सिर्फ इलाज मरहम पट्टी हो रही है बल्कि अंधेरे में उनके घावों पर टांके भी लगाए जा रहे हैं.

दरअसल इटावा में बुधवार को सुबह तेज बारिश के कारण बिजली लंबे समय के लिए गायब रही. ज़िला अस्पताल में भी देर शाम तक लाइट नहीं आई. लाइट नहीं आने के कारण अस्पताल प्रशासन ने जेनरेटर चलाने के बजाय टॉर्च की रोशनी में ही इलाज करना बेहतर समझा. अस्पताल में मौजूद डॉक्टर इमरजेंसी में वार्ड बॉय की मदद से मोबाइल की रोशनी में ही इलाज में जुटे रहे.

इस दौरान पास के गांव में मारपीट में घायल होकर आए लोगों का इलाज मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में किया गया. मोबाइल टॉर्च की रोशनी में ही घायलों को टांके लगाए. यहां जिला अस्पताल में जेनरेटर है लेकिन उसे चालू नहीं किया गया. यहां के सीएमएस का कहना है कि जेनरेटर गर्म होने के कारण बंद हो गया था. बिजली न होने से अन्य मरीज और मेडिकल स्टाफ परेशान नजर आया.


यह भी पढ़ें: बरेली में बच्ची की मौत पर डॉक्टर निलंबित, अन्य पर विभागी कार्यवाही के निर्देश


इटावा के सीएमएम एसएस भदौरिया बिजली विभाग को कोसते नजर आए.उन्होंने कहा कि जनरेटर गर्म होने की वजह से बंद हो गया था क्योंकि जेनरेटर सुबह से चल रहा था. जबकि अन्य मरीजों का कहना था कि जेनरेटर सुबह से चला ही नहीं. तीमारदारों के हंगामे के बाद गुरुवार दोपहर से यहां बिजली व्यवस्था ठीक हुई लेकिन बीते 24 घंटों ने यहां के जिला अस्पताल की पोल खोल दी.

बरेली जिला अस्पताल में लापरवाही से गई बच्ची की जान

बरेली के पुरुष जिला अस्पताल और महिला चिकित्सालय के डॉक्टरों के रेफर के खेल में चार दिन की बच्ची की तड़पकर मौत हो गई. दरअसल रेफर करने के लिए बच्ची को तीन घंटे तक लेकर अभिभावक भटकते रहे. इस दौरान उसकी मौत हो गई. मामले में डॉक्टरों की लापरवाही को देखते हुए शासन ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निलंबित कर दिया है. साथ ही जिला महिला अस्पताल की अधीक्षिका के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. कुछ दिन पहले भी डॉक्टरों के रेफर करने में एक गर्भवती महिला की भी मौत हुई थी, जिसकी जांच चल रही है.

इस मामले मेम सीएम योगी ने जिला अस्पताल में बीमार बच्चे का इलाज न करने और लापरवाही के आरोप में जिला पुरुष अस्पताल के सीएमएस डा. कमलेंद्र स्वरूप गुप्ता को निलंबित कर दिया है. वहीं, जिला महिला अस्पताल की अधीक्षिका डा. अलका शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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