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Sunday, 22 December, 2024
होमदेशअपराधएक मशहूर गेम जिसमें एक 'मिशन' है 'पत्रकार की हत्या'

एक मशहूर गेम जिसमें एक ‘मिशन’ है ‘पत्रकार की हत्या’

'स्नाइपर थ्रीडी असैसिन' गेम के जिस मिशन में रिपोर्टर की हत्या करवाई जाती है उसका नाम 'ब्रेकिंग न्यूज़' है. इसका लक्ष्य पत्रकार को अलग तरह से मशहूर करना है.

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नई दिल्ली: ‘स्नाइपर थ्रीडी असैसिन’ नाम के एक गेम को लेकर विवाद चल रहा है. इसे खेलने वाले को लक्ष्य दिया जाता है की वो एक रिपोर्टर की हत्या कर दे. गेम के जिस मिशन में रिपोर्टर की हत्या करवाई जाती है उसका नाम ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ है. हालांकि, हफ पोस्ट की मानें तो इससे जुड़ी ख़बरें आने के बाद इस गेम से ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ नाम के मिशन को हटा दिया गया है.

गेम से जुड़ा ये मामला तब सामने आया जब अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स के विजुअल्स+डिजिटल के पत्रकार यूज़ी हर्ट ने एक ट्वीट किया. ट्वीट में हर्ट ने लिखा, ‘मेरे भतीजे ने मुझे आईपैड पर अपने साथ एक शूटिंग गेम का हिस्सा बनाया. उसने एक मिशन चुना: ‘ब्रेकिंग न्यूज़,’ इस मिशन में एक ऐसे पत्रकार को गोली मारनी होती है जिसने एक पुलिस वाले से तुरंत दस्तावेज हासिल किए हैं.’

हर्ट आगे लिखते हैं कि इस मिशन का लक्ष्य पत्रकार को ‘अलग तरह से मशहूर बनाने’ का है. इसके बारे में एक ट्वीट करते हुए हफ पोस्ट के सेबेस्टियन मरडॉक ने दावा किया कि जब हफ पोस्ट ने इसके ऊपर एक ख़बर की तो गेम के डेवलपर ने गेम से ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ मिशन को हटा दिया. वीडियो गेम में हिंसा के चरम का ये पहला मामला नहीं है.

2018 में रिलीज़ के पहले हटा था ‘स्कूल शूटिंग’ से जुड़ा गेम

पिछले ही साल एक और गेम को लेकर पश्चिमी जगत में बवाल हुआ था. इस गेम में ‘स्कूल शूटिंग’ को बढ़ावा दिया जा रहा था. हालांकि, स्कूल शूटिंग से जुड़े इस गेम को रिलीज़ करने के पहले ही इसे लेकर भारी बवाल हुआ. रिपोर्ट्स की मानें तो हंगामे के बाद ये रिलीज़ नहीं हो पाया था. ‘एक्टिव शूटर’ नाम का ये गेम स्कूल के भीतर बिना भेदभाव वाली बंदूक आधारित हिंसा को बढ़ावा देने वाला था.

अचरज की बात यह है कि 2018 में ये गेम जिस समय आया था ठीक उसी समय अमेरिका में एक स्कूल में बंदूक आधारित हिंसा हुई थी. अमेरिका के स्कूलों में बंदूक आधारित हिंसा और गन कंट्रोल की बहस बेहद विवादित विषय हैं. ऐसे में इस गेम ने आग में घी झोंकने का काम किया था.

‘ब्रेकिंग न्यूज़’ मिशन में रिपोर्टर को मारे जाने से पहले आता था एक संदेश

‘ब्रेकिंग न्यूज़’ मिशन खेलने वाले से कहता था, ‘पत्रकार ने पुलिस वाले को घूस दी है और उससे एक ब्रीफकेस लेगा. ब्रीफकेस संवेदनशील दस्तावेजों से भरा हुआ है. पत्रकार को अलग तरह से मशहूर कीजिए.’ वॉशिंगटन पोस्ट ने इससे जुड़ी अपनी स्टोरी में लिखा है कि वास्तविकता में पत्रकारिता की नैतिकता इस बात का पालन करने को कहती है कि किसी जानकारी के लिए पत्रकार अपने सोर्स को किसी तरह का लाभ नहीं पहुंचाएगा.

सोर्स वो होता है जो पत्रकार को किसी तरह की जानकारी या उससे जुड़े दस्तावेज देता है. पत्रकार की हत्या करवा चुका ये गेम अभी भी एप स्टोर में मौजूद है. इसे भारत में भी डाउनलोड किया जा सकता है. हफ पोस्ट की स्टोरी के मुताबिक इस गेम को TFG ने डिवेलप किया है. ये ब्राज़ील की एक कंपनी है.

गेम के बारे में क्या बताता है एप स्टोर

इस स्टोरी को लिखे जाने के समय गेम से जुड़ा ये स्क्रीनशॉट एंड्रॉयड फोन के एप स्टोर से लिया गया. इसके मुताबिक 343 रिव्यूज़ के बाद गेम की रेटिंग 5 में से 4.3 है. 40 एमबी के इस गेम को 16 साल से ऊपर के लोग खेल सकते हैं और इसे 100,000 से ज़्यादा बार डाउनलोड किया गया है.

आपको बता दें कि बीते समय में अमेरिका से भारत तक पत्रकारों पर हमले बढ़े हैं. प्रेस की आज़ादी की भी दशा लगातार बिगड़ती जा रही है. वर्तमान में वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम रैंकिंग में भारत 140वें नंबर पर है. 2018 में भारत 138वें नंबर पर था.

फ्रांस की मीडिया शार्ली अब्दो के ऑफिस पर हुए आंतकी हमले से लेकर पिछले साल सीएनएन के ऑफिस में मिले पाइप बम और वॉशिंगटन पोस्ट के सऊदी अरब मूल के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या जैसे कई उदाहरण मौजूद हैं. ये चंद उदाहरण हैं कि मीडिया और पत्रकार हिंसा करने वालों में सबसे आसान लक्ष्यों में शामिल हैं.

वहीं, सोशल मीडिया के आने के बाद पत्रकारों पर निजी हमले बढ़े हैं और उन्हें टारगेट करना आसान हो गया है. ऐसे में किसी गेम का पत्रकारों के ख़िलाफ़ ऐसी हिंसा को बढ़ावा देना कितना सही है, ये गंभीर बहस का मुद्दा हो सकता है.

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