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Saturday, 2 November, 2024
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मिराज 2000: भारत ने क्यों किया पाकिस्तान पर हमले के लिए इसका इस्तेमाल?

भारतीय वायु सेना ने मिराज 2000 का कारगिल युद्ध में 1999 में बहुत इस्तेमाल किया था. इसने एक बार फिर पाकिस्तान में घुस कर आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया.

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नई दिल्लीः भारतीय वायु सेना ने मिराज 2000 का कारगिल युद्ध में 1999 में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था. ये भारत की पसंद फिर बन के उभरा जब भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की भूमि में घुस कर आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त किया. मिराज 2000 फ्रांस स्थित डैसॉ एविएशन द्वारा निर्मित है. वही कंपनी जो विवादास्पद राफेल लड़ाकू विमान की निर्माता है, जिसे भारत ने खरीदा है.

रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि मिराज 2000 का इस्तेमाल इसलिए किया गया क्योंकि, ‘मिराज में लक्ष्य पर निशाना साधने की क्षमता है. इसमें स्मार्ट और पारंपरिक होने सहित सभी तरह के हथियार हैं.’

मिराज – 2000

मिराज 2000 भारतीय वायु सेना के बेड़े के कई विमानों में से एक है. भारत के पास इसके अलावा सुखोई एसयू-30 एमके आई, मिग 29, जैगुआर और देश में विकसित तेजस एलसीए.

मिराज 2000 बहुआयामी, एकल इंजन जेट है जो ‘एक और दो सीटों’ के डिज़ाइन में आता है. भारत के अन्य लड़ाकू विमानों की तुलना में ये हलका है और यह 2336 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है. इसके मुकाबले भारतीय बेड़े में जो उससे ज्यादा विकसित विमान- सुखोई एसयू 30 एमकेआई, ज़्यादा भारी है और धीमा है- ये 2120 किलोमीटर प्रति घंटें की रफ्तार से चलता है.

यही एक प्रमुख कारण है कि भारतीय वायु सेना ने मंगलवार के अभियान में मिराज 2000 को चुना, जहां तक बमबारी की क्षमता की बात है मिराज 2000 हवा से हवा में और हवा से ज़मीन पर मार करने की मिसाइल हमला करने की क्षमता रखता है. ये लेजर गाइडेड बम चलाने और मल्टी टारगेट डॉपलर रडार भी लेकर चलता है.

भारत और मिराज

भारत ने पहले पुराने मिराज 2000 का ऑर्डर 1982 में दिया था जब पाकिस्तान ने अमरीका निर्मित एफ-16 खरीदे थे. उस समय भारत ने 36 मिराज खरीदे थे. इनका कारगिल युद्ध में गहन इस्तेमाल किया गया था (हालांकि भारतीय भूमि पर). फिर भारत ने 2004 में 10 और मिराज खरीदे.

2011 में भारत ने मिराज को अपग्रेड करने का ऑर्डर दिया. उसने मिराज 5 एमके का ऑर्डर दिया, जिसने मिराज को भारत का सबसे विश्वस्नीय फाइटर जेट बना दिया है. पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता गफूर ने कहा, ‘भारतीय वायु सेना ने सीमा नियंत्रण रेखा को पार किया, जिसके बाद पाकिस्तान वायु सेना ने उसका पीछा किया’ और भारतीय विमान वापस चला गया.

उसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘पाकिस्तान वायु सेना को समय पर जवाब देने’ के कारण उन्हें बालाकोट में अपने बम गिराने पड़े.’ पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता के अनुसार इस कार्यवाई में कोई घायल नहीं हुआ, न कोई नुकसान. गफूर ने इसके बाद उन तस्वीरों को ट्वीट किया, जिसमें उस पेलोड को दिखाया गया है, जिसे भारतीय लड़ाकू विमानों ने गिराया था.

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