टोक्यो: मीराबाई चानू ने शनिवार को यहां 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर ओलंपिक खेलों में भारत के भारोत्तोलन पदक के 21 साल के इंतजार को खत्म किया और देश का खाता खोला.
छब्बीस साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया. इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकीं थीं.
मीराबाई चीनू के ओलंपिक में पदक जीतने पर देश में जश्न का माहौल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मीराबाई चानू को ओलंपिक में रजत पदक जीने पर बधाई दी.
पीएम मोदी ने कहा, ‘इससे अच्छी शुरूआत नहीं हो सकती, भारत उनके शानदार प्रदर्शन से उत्साहित है, उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है.’
Could not have asked for a happier start to @Tokyo2020! India is elated by @mirabai_chanu’s stupendous performance. Congratulations to her for winning the Silver medal in weightlifting. Her success motivates every Indian. #Cheer4India #Tokyo2020 pic.twitter.com/B6uJtDlaJo
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2021
चानू के भाई ने उनकी जीत पर भावुक हो गए और उन्होंने कहा, हम आज बहुत खुश हैं. यह उसकी मेहनत का नतीजा है. भारत और मणिपुर को उस पर गर्व है.’
जिस समय चानू चांदी के लिए वेट लिफ्ट कर रही थीं मणिपूर में उनके परिवार और पड़ोसी अपने घर से उनके लिए दुआएं मांग रहे थे और उन्हें चियर्स कर रहे थे.
#WATCH | Manipur: Family and neighbours of weightlifter Mirabai Chanu burst into celebrations as they watch her win the #Silver medal for India in Women's 49kg category. #OlympicGames pic.twitter.com/F2CjdwpPDc
— ANI (@ANI) July 24, 2021
भारत की तरफ से भारोत्तोलन में यह अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन बताया जा रहा है. साल 2000 में सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने वेटलिफ्टिंग में देश के लिए कांस्य पदक जीता था. कर्णम ने स्नैच में 110 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 130 किलोग्राम भारत उठाकर ओलंपिक में भारत की तरफ से कांस्य पदक जीतने वाली पहली महिला बनी थीं.
चीन की होऊ जिहुई ने 210 किग्रा (94 किग्रा +116 किग्रा) के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने 194 किग्रा (84 किग्रा +110 किग्रा) के प्रयास से कांस्य पदक अपने नाम किया.
स्नैच को चानू की कमजोरी माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने पहले ही स्नैच प्रयास में 84 किग्रा वजन उठाया. मणिपुर इस भारोत्तोलक ने समय लेकर वजन उठाया.
उन्होंने अगले प्रयास में 87 किग्रा वजन उठाया और फिर इसे बढ़ाकर 89 किग्रा कर दिया जो उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88 किग्रा से एक किग्रा ज्यादा था जो उन्होंने पिछले साल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में बनाया था.
हालांकि वह स्नैच में अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर नहीं कर सकीं और स्नैच में उन्होंने 87 किग्रा का वजन उठाया और वह जिहुई से ही इसमें पीछे रहीं जिन्होंने 94 किग्रा से नया ओलंपिक रिकार्ड बनाया.
चीन की भारोत्तोलक का इसमें विश्व रिकार्ड (96 किग्रा) भी है.
क्लीन एवं जर्क में चानू के नाम विश्व रिकार्ड है, उन्होंने पहले दो प्रयासों में 110 किग्रा और 115 किग्रा का वजन उठाया.
हालांकि वह अपने अंतिम प्रयास में 117 किग्रा का वजन उठाने में असफल रहीं लेकिन यह उन्हें पदक दिलाने और भारत का खाता खोलने के लिये काफी था.
पदक जीतकर वह रो पड़ीं और खुशी में उन्होंने अपने कोच को गले लगाया. बाद में उन्होंने ऐतिहासिक पोडियम स्थान हासिल करने का जश्न नाचकर मनाया.
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