बेंगलुरु: कर्नाटक आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा के खिलाफ फरवरी में अपने बेंगलुरु आवास पर एक नाबालिग लड़की के कथित यौन उत्पीड़न के संबंध में आरोपपत्र दाखिल किया है.
यह आरोपपत्र येदियुरप्पा द्वारा कथित हमले के संबंध में अपने खिलाफ मार्च में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय में दायर याचिका के दो सप्ताह बाद आया है.
सीआईडी ने चार बार मुख्यमंत्री रह चुके 81 वर्षीय येदियुरप्पा पर पोक्सो अधिनियम की धारा 8 (यौन उत्पीड़न के लिए सजा) के साथ-साथ आईपीसी की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 204 (साक्ष्य के रूप में इसे पेश करने से रोकने के लिए दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करना) और 214 (अपराधी की जांच के बदले में संपत्ति को उपहार में देने या वापस करने की पेशकश) के तहत आरोप लगाए हैं.
फास्ट-ट्रैक कोर्ट में दायर आरोपपत्र 17 साल की कथित पीड़िता की 54 वर्षीय मां की शिकायत पर 14 मार्च को बेंगलुरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में येदियुरप्पा के खिलाफ POCSO केस दर्ज होने के लगभग चार महीने बाद आया है.
कर्नाटक के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “आरोपपत्र दायर किया गया है और अब यह मामला अदालत में है.”
शिकायत के अनुसार, येदियुरप्पा ने 17 वर्षीय लड़की के साथ अपने घर पर उस वक्त दुर्व्यवहार किया, जब उसे उसकी मां मदद मांगने के लिए वहां लेकर आई थी.
13 जून को, एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने येदियुरप्पा के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने इस शर्त के साथ अग्रिम जमानत दे दी कि उन्हें 17 जून को जांच एजेंसियों के सामने पेश होना होगा.
पूर्व मुख्यमंत्री से सेंट्रल बेंगलुरु स्थित सीआईडी कार्यालय में करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई. यहां पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और हासन के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) भी है. रेवन्ना पर कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है. येदियुरप्पा के मामले में, राज्य भाजपा का एक वर्ग अपने नेता की मदद के लिए आगे आया था और शिकायतकर्ता की मंशा पर संदेह जताया था.
17 वर्षीय किशोरी के परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि उन पर केस वापस लेने का दबाव बनाया गया. कथित पीड़िता के भाई ने शुक्रवार को दिप्रिंट को बताया, “मेरी मां को केस वापस लेने के लिए फोन किए गए.”
26 मई को, 17 वर्षीय किशोरी की मां की फेफड़ों के कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद बेंगलुरु के एक अस्पताल में मौत हो गई.
उनकी मौत के बाद, किशोरी के भाई ने जांच की धीमी गति पर सवाल उठाते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया.
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2 फरवरी को क्या हुआ था
दिप्रिंट द्वारा एक्सेस किए गए आरोपपत्र के अनुसार, 2 फरवरी को सुबह करीब 11.15 बजे 17 वर्षीय लड़की और उसकी मां येदियुरप्पा से मिलने पॉश इलाके डॉलर्स कॉलोनी में उनके घर गईं और उनसे मदद मांगी, क्योंकि इससे पहले भी लड़की के साथ कथित तौर पर एक रिश्तेदार ने यौन उत्पीड़न किया था.
आरोपपत्र में कहा गया है कि जब येदियुरप्पा लड़की की मां से बात कर रहे थे, तब उन्होंने अपने बाएं हाथ से लड़की की दाहिनी कलाई पकड़ी हुई थी.
इसके बाद 81 वर्षीय बुज़ुर्ग येदियुरप्पा ने नाबालिग लड़की को हॉल के बगल वाले कमरे में बुलाया, कमरे को अंदर से बंद किया और उससे उन लोगों के बारे में पूछा जिन्होंने पहले उसके साथ बलात्कार किया था और वे कैसे दिखते थे.
जब उससे पूछा गया कि क्या उसे हमलावरों के चेहरे याद हैं, तो उसने दो बार हां में जवाब दिया.
आरोपपत्र के अनुसार, येदियुरप्पा ने लड़की से उसकी उम्र पूछी और उसे गलत तरीके से छुआ.
इसके बाद लड़की ने उनका हाथ तेज़ी से झटक दिया और दूर चली गई व दरवाज़ा खोलने के लिए कहा. आगे इसमें कहा गया है कि इसके बाद येदियुरप्पा ने अपनी जेब से कुछ पैसे निकाले और लड़की के हाथ में रख दिए. इसके बाद उन्होंने लड़की की मां से कहा कि वह उनकी मदद नहीं कर सकते और उन्हें कुछ और पैसे देकर भेज दिया.
लड़की की मां ने 20 फरवरी को फेसबुक पर सात मिनट का एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें कथित तौर पर वह येदियुरप्पा से उनके डॉलर्स कॉलोनी स्थित घर पर भिड़ती हुई दिखाई दे रही हैं.
“अप्पाजी (कन्नड़ में एक स्नेह भरा शब्द), आपने क्या किया? उसे (कमरे में) अंदर ले जाने के बाद आपने क्या किया?” कथित तौर पर मां येदियुरप्पा से पूछती हुई दिखाई दे रही है.
पूर्व सीएम ने जवाब में कहा, “मैंने क्या किया?”
महिला ने कहा, “आप उसे (कमरे में) अंदर ले गए और अपना हाथ उसके ब्लाउज के अंदर डाल दिया,”
इसके बाद येदियुरप्पा ने कहा, “वह मेरी पोती जैसी है,”
महिला येदियुरप्पा से पूछती रहती है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया और पूर्व सीएम उसे बैठने का इशारा करते हैं, उसका हाथ पकड़ते हैं और जवाब देते हैं: “वह एक अच्छी लड़की है. उसे अच्छे से बड़ा करो और मैं हर संभव मदद करूंगा.”
महिला आगे बताती है कि कैसे उसकी बेटी का बार-बार शोषण किया गया है, और एक एसआईटी (विशेष जांच दल) के गठन की मांग करती है, यह दावा करते हुए कि वह “54,000 कॉल रिकॉर्ड” सहित सबूत पेश कर सकती है.
महिला यह भी मांग करती है कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संतोष हेगड़े जैसे सेवानिवृत्त न्यायाधीश के साथ एक एसआईटी का गठन किया जाए. वह कहती है कि पुलिस अधिकारियों, वकीलों, सरकारी अधिकारियों ने उसके परिवार को परेशान किया है और यहां तक कि उसे जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं.
दिप्रिंट स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका.
चार्जशीट के मुताबिक तीन अन्य लोग – अरुण वाई.एम., रुद्रेश एम. और जी. मारिसामी – लड़की के घर गए और उसकी मां को वीडियो हटाने के लिए राजी किया.
वे चाहते थे कि वह अपने फोन से वीडियो हटा दे. लड़की के परिवार को चुप रहने के लिए कथित तौर पर 2 लाख रुपये की रकम दी गई.
लड़की के भाई ने दावा किया कि यह पैसा सीआईडी के पास जमा कर दिया गया है.
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