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Saturday, 27 April, 2024
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रेप की नाकाम कोशिश के बाद नाबालिग को जिंदा जलाया- 15 दिन बाद मौत, गांंव वालों ने मांगा इंसाफ

पीड़ित लड़की जान बचाने के लिए पास के एक नाले में कूद गई थी. गांव वालों ने किसी तरह उसे बचाया और अस्पताल भेजवाया.

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नई दिल्ली: बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुपरी थाना क्षेत्र के एक गांव में 9वीं में पढ़ने वाली पेट्रोल से जलाई गई गरीब परिवार की नाबालिग लड़की की 15 दिन मौत से जूझने के बाद रविवार को मौत हो गई, जिससे परिवार सदमे में है. गांव के ही लड़के ने रेप की कोशिश की और नाकाम रहने पर पेट्रोल छिड़कर उसे जला दिया था.

लड़की जान बचाने के लिए पास के एक नाले में कूद गई थी. पानी में जब वह डूबती और बाहर आती तो फिर आग लग जाती थी. गांव वालों ने किसी तरह उसे बचाया और अस्पताल भेजवाया.

लड़की का परिवार काफी गरीब है. मेहनत-मजदूरी करके गुजारा करता है. वह सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद कर रहा है.

ग्रामीण संजय भगत जो कि परिवार की देखभाल में मदद करते हैं, उन्होंने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, ‘पुलिस हर तरह से मदद कर रही है, कार्रवाई में कोई कोताही नहीं की. यहां अस्पताल में लड़की के बयान के बाद ही एफआईआर होने से पहले ही आरोपी को गिरफ्तार करा लिया था.’

संजय ने लड़की की उम्र को लेकर कहा कि सर्टिफिकेट आधार पर उसकी जन्म तिथि 2007 की है, लिहाजा वह नाबालिग है. उन्होंने कहा कि वह 9वीं क्लास की छात्रा थी.

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सरकार की तरफ से किसी तरह के मुआवजे की सवाल पर भगत ने कहा कि, ‘अभी तक कोई मदद नहीं मिली है. परिवार बहुत गरीब है. किसी तरह की मदद मिले तो कृपया करवा दीजिए. लड़की के पिता की उम्र 60 साल है वह गांव में ही मजदूरी करके किसी तरह से गुजारा कर रहे हैं. लड़की को इंसाफ मिलना चाहिए.’

ग्रामीण संजय भगत ने कहा कि, ‘परिवार मवेशी पालता है. गांव से 100-150 मीटर दूरी पर वह एक मड़ैया (छप्पर की) बनाया था. वहां परिवार जानवरों का चारा रखता है. लड़की वहां पिता जी को खाना लेकर गई थी. पिता खाना खाने के बाद पीएचसी दवा लाने चले गए. इसी बीच आरोपी लड़का आया जबरन उसके साथ कुछ करना चाहा. लड़की के विरोध करने पर लड़का वापस घर आया और पेट्रोल छिड़ककर लड़की को जला दिया.’

संजय ने बताया, ‘पास में ही वहां एक नाला बहता है जहां लड़की ने खुद को बचाने के लिए कूद गई, और वह जलने से बचने से जूझती रही. वह नाले में खुद को डुबोती और बाहर आने पर फिर आग लग जा रही थी. इसके बाद गांव के लोग ने उसे बचाया और अस्पताल ले गए, जहां हालात गंभीर होने पर उसे मुजफ्फपुर के एसकेएमसीएच में रेफर कर दिया और वहां 15 दिन बाद उसकी मौत हो गई.’ उन्होंने बताया कि अभी तक कोई सरकार सहायता नहीं मिली है. पीड़िता और आरोपी दोनों पिछड़े समुदाय से संबंध रखते हैं.

डॉक्टरों के मुताबिक लड़की 40 फीसदी जल चुकी थी. उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे बिहार के मुजफ्फपुर जिले के एसकेएमसीएच में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई.

पुपरी थाना क्षेत्र के एसएचओ विजय कुमार ने दिप्रिंट को बताया कि, ‘जो आरोपी था उसे त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर हिरासत में भेजा जा चुका है. मामाल पॉस्को न्यायालय में हैं. पुलिस के द्वारा जांच समाप्त कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में हम लोग सुनवाई का प्रयास कर आरोपी को जल्दी सजा दिलाने का काम करेंगे.’

सीतामढ़ी के डीएम ने दिप्रिंट से कहा, ‘अभी तक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई हुई हो रही थी लड़की की मौत अचानक हो गई. अब आगे की कार्रवाई करेंगे. आरोपी पुलिस की हिरासत में है और न्यायालय में कार्यवाही हो रही है. वहीं लड़की का इलाज चल रहा था, अचानक पता चला है कि लड़की की मौत हो गई है. लड़की का इलाज मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में चल रहा था.’

बता दें कि मामले में आरोपी अमर उर्फ अमरनाथ कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी.

रेप सर्वाइवर के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने दिप्रिंट से कहा कि, ‘ताजा अपडेट मेरे पास नहीं है, मैं परिवार से संपर्क करके बात करती हूं.’ हालांकि भयाना ने देर रात परिवार से संपर्क करने में सफल रहीं.

योगिता भयाना ने कहा, ‘ये बहुत बड़ी घटना है, जो लगातार वहां आ रही हैं. हमारी टीम वहां गई है, उनके पिताजी से हमारी बात हुई है. एफआईआर जो मैंने पढ़ी है उसमें अभी तक रेप के पुष्टि नहीं हुई है अटेम्प्ट का मामला दर्ज हुआ है. मुझे लगता है इन्हें और ज्यादा रकारी सपोर्ट करें, प्रशासन इनका सपोर्ट करे. हमारी टीम अभी भी उनके घर पर है.’

बिहार में 2020 में रेप के मामले बढ़े

एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है. पिछले साल 2019 की तुलना में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में 17.3% की गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन 2020 में बलात्कार की घटनाओं में 10.4 फीसदी और महिलाओं पर हमले के मामलों में 87 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. यह आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 2019 में 730 के मुकाबले 2020 में 806 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले साल 69 और 312 मामलों की तुलना में बलात्कार के प्रयास के 110 मामले और 2019 में शील भंग के इरादे से हमले की 584 घटनाएं दर्ज की गईं.

हालांकि, पिछले साल राज्य भर में आईपीसी या विशेष और स्थानीय कानूनों (एसएलएल) के तहत महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 15,359 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2019 में यह 18,587 और 2018 में 16,920 थे. महिलाओं के खिलाफ अपराध में बलात्कार, लज्जा भंग करना, दहेज हत्या और उत्पीड़न, एसिड हमले और अपहरण के मामले शामिल हैं.


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