नई दिल्ली: एक कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल मेडिसिन प्लांट बोर्ड (एनएमपीबी) ने दवा बनाने में काम आने वाले पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों के तहत प्रमुख आयुष और हर्बल उद्योग निकायों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले उद्योग निकायों में एडीएमए (आयुर्वेदिक ड्रग निर्माता संघ) मुंबई, एएमएएम (एसोसिएशन फॉर मैन्युफैक्चरर्स ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन) नई दिल्ली, एएमएमओआई (आयुर्वेदिक मेडिसिन मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया) त्रिशूर, एएचएनएमआई (एसोसिएशन फॉर हर्बल एंड न्यूट्रास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया) मुंबई, फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज) नई दिल्ली और सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) नई दिल्ली शामिल हैं.
आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा की उपस्थिति में हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया गया था. उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनका मंत्रालय आयुष उद्योग से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगा, बशर्ते वे एक संयुक्त टीम का गठन करें और सामने आने वाली संबंधित समस्याओं के समाधान के साथ संपर्क करें. उन्होंने आश्वासन दिया कि वर्तमान सरकार आयुष प्रणालियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
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आयुष उद्योग ने एनएमपीबी को आश्वासन दिया कि वे एनएमपीबी समर्थित औषधीय पौधों की खेती और संग्रह करने वाले किसानों और संग्रहकर्ताओं को बाय-बैक गारंटी प्रदान करेंगे. एनएमपीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. जे एल एन शास्त्री ने आयुष मंत्रालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
सभी प्रतिनिधियों ने सहमति व्यक्त की कि आयुष मंत्रालय के इस महत्वपूर्ण कदम से आयुष, न्यूट्रास्युटिकल (पौष्टिक-औषध) और हर्बल उद्योग को गुणवत्ता वाले कच्चे माल की सतत आपूर्ति मिलेगी.