नई दिल्ली: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कैंटीनों में गैर-स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री रोकने से संबंधित सूची को सार्वजनिक करने के कुछ घंटे बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि कुछ खामियां हैं और नयी सूची जल्द जारी की जाएगी. साथ ही लिस्ट जारी करने में जिम्मेदार अधिकारी को हटा दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक इस मामले में कार्रवाई करते हुए बिना विचार-विमर्श के आदेश देने पर डीआईजी को हटा दिया गया है. पहले जारी की गई लिस्ट में ढेर सारी भारतीय कंपनियां थीं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत देशभर में सीएपीएफ की 1,700 से अधिक कैंटीनों में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री ही होगी.
मंत्रालय के एक अधिकारी ने नए आदेश में कहा कि गृह मंत्रालय ने केंद्रीय पुलिस कल्याण बोर्ड से आज दिन में पूर्व में जारी सूची को स्थगित रखने को कहा है जिसमें सीएपीएफ की कैंटीनों में 70 से अधिक कंपनियों की 1,026 वस्तुओं की बिक्री बंद करने को कहा गया था.
अधिकारी ने कहा कि नयी सूची जल्द जारी की जाएगी.
इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि आज पूर्व में जारी की गई सूची में ऐसी कई वस्तुओं के भी नाम थे जो भारत निर्मित उत्पाद हैं, इसलिए इस सूची पर रोक लगानी पड़ी.
सूची पर रोक लगाने से कुछ घंटे पहले जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया था कि सीएपीएफ की कैंटीनों में एक जून से डाबर, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जकुआर, एचयूएल (फूड्स), नेस्ले इंडिया जैसी कंपनियों के एक हजार से अधिक उत्पाद नहीं बेचे जाएंगे क्योंकि ये उत्पाद ‘स्वदेशी’ नहीं हैं या फिर पूरी तरह आयातित चीजों से बने हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील किए जाने के बाद सीएपीएफ की कैंटीनों में ‘भारत निर्मित’ उत्पाद बेचने का निर्णय किया गया था.
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ), सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) आते हैं जिनकी कैंटीनों का सालाना तौर पर 2,800 करोड़ रुपये का अनुमानित कारोबार है.
आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा की सुरक्षा तक का दायित्व निभाने वाले इन बलों के लगभग 10 लाख कर्मियों के 50 लाख परिजनों के लिए इन कैंटीनों में सामान बेचा जाता है.
(न्यूज एजेंसी भाषा और दिप्रिंट की अनन्या भारद्वाज के इनपुट्स के साथ)