scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेश1989 के अपहरण मामले में महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद सीबीआई कोर्ट में पेश हुईं

1989 के अपहरण मामले में महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद सीबीआई कोर्ट में पेश हुईं

अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि यासीन मलिक ने सीबीआई अदालत से कहा कि वह रुबैया सईद अपहरण मामले में गवाहों से खुद पूछताछ करना चाहता है वरना वो जेल में भूख हड़ताल पर बैठ जाएगा.

Text Size:

नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बहन और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद 1989 के अपहरण में अपना बयान दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को यहां केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत में पेश हुईं.

सीबीआई वकील मोनिका कोहली ने बताया, ‘गवाह रूबैया सईद का बयान अदालत में दर्ज किया गया है. उसने यासीन मलिक की पहचान कर ली है. सुनवाई की अगली तारीख 23 अगस्त है. उन्होंने चार आरोपियों की पहचान की है.’

वरिष्ठ अधिवक्ता और पीडीपी प्रवक्ता अनिल सेठी ने बताया कि यासीन मलिक भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामले में पेश हुए. उन्होंने इस मामले में जम्मू में हाजिर होने का भी अनुरोध किया है.

गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने इस साल मई में यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. एनआईए कोर्ट ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. उन्हें दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. एनआईए ने 19 मई को अलगाववादी नेता के लिए मौत की सजा की मांग की थी.

अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि यासीन मलिक ने सीबीआई अदालत से कहा कि वह रुबैया सईद अपहरण मामले में गवाहों से खुद पूछताछ करना चाहता है वरना वो जेल में भूख हड़ताल पर बैठ जाएगा.

उन्होंने बताया कि मलिक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत के सामने पेश हुए और कहा कि उन्होंने सरकार को शारीरिक उपस्थिति के लिए पत्र लिखा है.

मलिक ने अदालत से कहा कि वो खुद गवाहों से जिरह करने का अनुरोध किया है और अगर सरकार ने उनकी याचिका स्वीकार नहीं की तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

अधिकारियों ने कहा कि मलिक ने अदालत से कहा कि वह 22 जुलाई तक सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं, ऐसा नहीं करने पर वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे.


यह भी पढ़ें: ‘हिंदू सहनशील होते हैं, असहमति लोकतंत्र के लिए जरूरी’- दिल्ली कोर्ट ने क्यों दी ज़ुबैर को जमानत


share & View comments