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Saturday, 23 November, 2024
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सुलझ सकता है मेघालय-असम सीमा विवाद, दोनों राज्यों के CM गृहमंत्री अमित शाह को सौंपेंगे सिफारिशें

यह विवाद 50 साल पुराना है जिसकी शुरूआत 1972 में दोनों राज्यों के गठन के दौरान हुई थी.

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नई दिल्ली: बुधवार को मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने जानकारी दी कि उनकी कैबिनेट ने मेघालय-असम सीमा मुद्दे को हल करने के लिए तीन क्षेत्रीय समितियों की सभी सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. संगमा ने बताया कि वो और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से गुरुवार शाम को दिल्ली में मुलाकात करेंगे और उन्हें सिफारिशें सौंपेंगे.

संगमा ने ट्वीट किया कि ‘कैबिनेट ने मेघालय-असम सीमा मुद्दे को हल करने के लिए 3 क्षेत्रीय समितियों की सभी सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. दोनों राज्यों की सिफारिशें गृह मंत्रालय को सौंपी जाएंगी. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और मैं आगे की कार्रवाई के लिए गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे.’

बता दें कि बुधवार को संगमा ने कैबिनेट की एक बैठक की जिसमें सीमा विवाद को हल करने के लिए बनाई गई तीन क्षेत्रीय समितियों की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई.

बैठक के बाद संगमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘असम के मुख्यमंत्री और मैं गुरुवार की शाम (छह बजे के बाद) दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे. हम कम से कम एक साझा रिपोर्ट सौंपेंगे और तब मुझे लगता है कि भारत सरकार को कानून के मुताबिक आगे बढ़ना होगा.’

उन्होंने आगे कहा कि चर्चा के बाद गृह मंत्रालय एक निष्कर्ष को अंतिम रूप देगा. उन्होंने कहा कि सीमांकन, संसदीय प्रक्रिया के बाद किया जाएगा.

संगमा ने बताया कि दोनों राज्य सीमावर्ती इलाकों में गांवों पर सहमत हो गए हैं. नदियों और वनों सहित प्राकृतिक सीमाओं की पहचान कर ली गई है. मतभेद वाले छह स्थानों पर 36 गांव है जिनका कुल क्षेत्रफल 36.79 वर्ग किमी है.

क्या है असम-मेघालय सीमा विवाद

यह विवाद 50 साल पुराना है जिसकी शुरूआत 1972 में दोनों राज्यों के गठन के दौरान हुई थी. मेघालय ने असम पुनर्गठन अधिनियम,1971 को चुनौती दी थी. मेघालय 12 इलाकों पर दावा करता है लेकिन इन सभी पर असम का कब्‍जा है. दोनों ही राज्य एक नीति का पालन करते हैं जिसके तहत इनमें से कोई भी बिना बताए विवादित इलाकों में प्रोजेक्‍ट का काम शुरू नहीं कर सकता है. सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच कई खूनी संघर्ष भी हो चुके हैं.


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