नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस ने कथित हाथरस गैंगरेप मामले में पीड़िता के घर में रहने वाली और कथित तौर पर खुद को परिवार का सदस्य बताने वाली एक महिला के सामने आने के बाद इस केस में एक संदिग्ध ‘नक्सली लिंक’ खोज निकाला है.
नए आरोप ऐसे समय सामने आए हैं जब सीबीआई ने उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ से लेकर हाथरस मामले की जांच का जिम्मा खुद संभाल लिया है.
पुलिस सूत्रों के हवाले से कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि महिला के नक्सली लिंक हैं. भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी शनिवार को ट्वीट कर दावा किया कि उसने अलग-अलग समय पर खुद को पीड़िता की बहन और भाभी बताया है.
जी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि महिला, जो इसी राज्य की मूल निवासी बताई जा रही है, का ‘नक्सलियों से संबंध’ है.
I was surprised why victim family was opposed CBI and Narco Test !!
Now it's cleared here ?Watch @news18dotcom report a #FakeNaxalBhabhi of Hathras Victim was planted to manage the statements of family. pic.twitter.com/wav2hzctaW
— Surjeet Sharma ?? (@issharma_in) October 10, 2020
महिला की पहचान मध्य प्रदेश की राजकुमारी बंसल के रूप में हुई है, जिसने अपने ऊपर लगे आरोपों के संदर्भ में दिप्रिंट को बताया कि वह मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारी है, जिसने कठिन समय में साथ खड़े होने के उद्देश्य से 4 अक्टूबर को पीड़िता के घर का दौरा किया था और परिवार के लोगों के कहने पर वहां रुक गई. पीड़िता के भाई ने दावा किया है कि वह ‘बहन जैसी’ थी.
नए आरोपों ने उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच में एक नया एंगल सामने ला दिया, जो पहले से ही इस बात की जांच में जुटी है कि हाथरस में 20 वर्षीय दलित महिला के कथित गैंगरेप के बाद मचा बवाल कहीं जातीय दंगे फैलाने की ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ का नतीजा तो नहीं था? गैंगरेप मामले के चार संदिग्ध बुलगढ़ी गांव में रहने वाले पीड़िता के पड़ोसी हैं.
दिप्रिंट ने हाथरस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत जायसवाल को बार-बार कॉल और मैसेज करके संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
यूपी पुलिस ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. यूपी पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) मनोज शर्मा, जिन्होंने एसपी के आधिकारिक संपर्क नंबर पर कॉल रिसीव किया था, ने भी इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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महिला और परिवार का आरोपों से इनकार
सवालों में घिरी महिला राजकुमारी बंसल ने दिप्रिंट को बताया कि वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी (शरीर पर दवाओं के प्रभाव का अध्ययन) विभाग में काम करने वाली एक फिजीशियन है.
उन्होंने बताया कि कथित हाथरस पीड़िता का 30 सितंबर को विवादों के बीच रात में अंतिम संस्कार कर दिए जाने के कुछ दिन बाद वह बुलगढ़ी पहुंची थीं.
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं 4 अक्टूबर को दोपहर के समय पीड़िता के घर पहुंची थी और 6 अक्टूबर तक वहां रही. मेरे जाने का उद्देश्य केवल उस परिवार को सांत्वना और वित्तीय सहायता देना था जिसे लगातार परेशान किया जा रहा था.’
उन्होंने कहा, ‘मीडिया और राजनेताओं को इजाजत नहीं दी जा रही थी, ऐसे में मैंने सोचा कि कम से कम आम लोग तो जा ही सकते हैं और परिवार के साथ खड़े हो सकते हैं. मैं उनके समुदाय की नहीं हूं और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को लेकर अपनी आवाज उठाने के लिए वहां गई थी. मैं कोई एक्टिविस्ट नहीं हूं और अपनी नौकरी के साथ-साथ समाज सेवा के कुछ काम करती रहती हूं.’
बंसल ने दावा किया कि वह तीन दिनों तक वहां रहीं क्योंकि परिजनों का कहना था कि उनके रहने से उन्हें ‘मानसिक ताकत’ मिल रही है. उन्होंने दिल्ली के अस्पताल में पीड़िता की मौत होने के बाद हाथरस गैंगरेप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले दलित संगठन भीम आर्मी या किसी भी राजनीतिक दल के साथ कोई संबंध होने से साफ इनकार किया, जो कथित जांच का एंगल है.
उन्होंने कहा, ‘मेरे पास एक सरकारी नौकरी है और मुझे पता है कि मैं इस तरह का जुड़ाव नहीं रख सकती.’
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने संवैधानिक अधिकार अच्छी तरह जानती हूं और अपनी व्यक्तिगत क्षमता और स्वतंत्रता के तहत वहां गई थी.’
उक्त महिला ने कथित गैंगरेप और हत्या होने के पहले से परिवार को जानने की बात से इनकार किया और कहा कि 3 अक्टूबर को पहली बार उनसे बात हुई थी. उनका यह बयान उन कुछ मीडिया रिपोर्ट के जवाब में आया है जिसमें पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि ‘जबलपुर की एक नक्सली महिला’- जो 16 से 22 सितंबर के बीच ‘घूंघट ओढ़कर’ परिवार के साथ रही— पीड़िता की भाभी के साथ ‘नियमित’ संपर्क में थी.
पीड़िता के भाई ने किसी भी साजिश के एंगल से इनकार करते हुए दिप्रिंट को बताया कि महिला ‘बहन जैसी’ है.
भाई ने कहा, ‘वह बहन जैसी है, हम उसे जानते हैं और वह भी अन्य लोगों की तरह ही यहां आई थी. वह 4 से 6 अक्टूबर तक यहां थी और सारे आरोप बेबुनियाद हैं. उसने कभी घूंघट नहीं किया. साथ ही जोड़ा कि ये सारी ‘अफवाहें’ है जिसे ‘पुलिस ने साजिश का एंगल साबित करने के लिए मीडिया में लीक किया है.’
बंसल ने कहा कि पता नहीं किस आधार पर उन पर ‘नक्सली’ होने का ठप्पा लगाया जा रहा है. साथ ही बताया कि उसकी शादी हो चुकी है और 10 साल का एक बेटा भी है.
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