कानपुर : उत्तर प्रदेश यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूपीयूएमएस) में कथित तौर पर प्रथम वर्ष के 150 से अधिक मेडिकल के छात्रों के साथ रैगिंग का मामला सामने आने के बाद घटना को लेकर विवाद गर्मा गया है. इसी क्रम में अब मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने सोमवार को विश्वविद्यालय में कथित रैगिंग को लेकर वाइस-चांसलर (वीसी) राज कुमार को नोटिस जारी किया है.
खबरों के अनुसार, कथित तौर पर सीनियर छात्रों के एक ग्रुप ने 150 से अधिक प्रथम वर्ष के यूपीयूएमएस छात्रों को परिसर में सिर मुंड़ाने और परेड करने के लिए मजबूर किया.
परेड कर रहे छात्रों का वीडियो और तस्वीरें वायरल होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना को लेकर जांच के आदेश जारी किए.
कथित रैगिंग मामले को लेकर जारी किए गए नोटिस में एमसीआई के महासचिव आरके वत्स ने विश्वविद्यालय प्रशासन को जुर्माने और यूपीयूएमएस को ‘गलत’ संस्थानों की श्रेणी में शामिल करने के संबंध में चेतावनी दी.
नोटिस में उन्होंने साथ ही सीनियर छात्रों के ग्रुप को एक महीने के लिए कक्षा से वंचित करने को लेकर भी चेताया है. नोटिस में वीसी को चेतावनी दी गई है कि उनका जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर विश्वविद्यालय की मान्यता एक साल के लिए समाप्त कर दी जाएगी.
ये रहा मामला
वहीं इससे पहले बुधवार को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एमबीबीएस के नए छात्रों के सिर के बाल मुंड़वाकर परेड कराई जा रही थी. कॉलेज प्रशासन इस वायरल वीडियो पर रैगिंग की बात से इंकार कर रहा है जबकि सोशल मीडिया से लेकर छात्रों के वाट्सऐप ग्रुप्स में ये वीडियो वायरल हो रहा है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ये वीडियो इस साल एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले 200 छात्रों का है जिसमें में सभी छात्रों के सिर मुड़वा दिए गए और उनसे परेड भी कराई गई. सुबह जब छात्र लाइन लगाकर अपने हॉस्टल से कॉलेज पहुंचे तो इसकी जानकारी अन्य छात्र-छात्राओं को हुई.
छात्रों का वीडियो वायरल होने के बाद भी कॉलेज प्रशासन इसे देशभर के मेडिकल कॉलेजों की परंपरा बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. कॉलेज के डीन पंकज जैन ने कहा, ‘छात्रों ने अपनी मर्जी से ही सिर के बाल मुड़वाए हैं, वैसे भी ये परंपरा है जो सभी जूनियर छात्र अपनी मर्जी से अपनाते हैं. फिर भी रैगिंग जैसी कोई बात सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी.’
यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर राजकुमार सिंह का भी कहना है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें वीडियो मिला है. वह इस पर कार्रवाई करेंगे. पिछले साल भी इस तरह की बात सामने आने पर पांच छात्रों पर कार्रवाई की गई थी.
(आईएनएस के इनपुट्स के साथ)