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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशअभिजीत बनर्जी के नोबेल को लेकर हो रही राजनीति पर बसपा सुप्रीमो मायावती का हमला

अभिजीत बनर्जी के नोबेल को लेकर हो रही राजनीति पर बसपा सुप्रीमो मायावती का हमला

हाल ही में भारतीय जनता पार्टी नेता (भाजपा) नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अभिजीत बनर्जी द्वारा नोबेल जीते जाने को लेकर एक राजनीतिक बयान दिया था.

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नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने नोबेल को लेकर हो रही राजनीति पर निशाना साधा है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किये गये भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी की उपलब्धि को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिये. मायावती ने रविवार को बनर्जी को बधाई देते हुये कहा, ‘गरीबी के अभिशाप के विरुद्ध शोध करने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को विश्व के सर्वश्रेष्ठ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने पर बधाई व भरपूर स्वागत.’

उन्होंने ट्वीट कर नसीहत भी दी, ‘लेकिन इसे यहां राजनीतिक चश्मे से देखना पूरी तरह से ग़लत है, बल्कि भारतीय होने के नाते इस पर गर्व किया जाए तो बेहतर है.’ उल्लेखनीय है कि वैश्विक स्तर पर गरीबी निवारण के मकसद से आर्थिक उपायों की खोज के लिये बनर्जी सहित तीन अर्थशास्त्रियों को हाल ही में नोबेल पुरस्कार के लिये चुना गया है. भारतीय मूल के बनर्जी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालयय (जेएनयू) के पूर्व छात्र रहे हैं.

अभी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी नेता (भाजपा) नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अभिजीत बनर्जी द्वारा नोबेल जीते जाने को लेकर एक राजनीतिक बयान दिया था. उन्होंने बनर्जी द्वारा नोबेल जीते जाने की तारीफ की थी. लेकिन, साथ ही उन्होंने अभिजीत को वामपंथी विचारधारा का बताया था और कहा था कि उनके अर्थशास्त्र को भारतीय जनता ने ख़ारिज कर दिया.

भारतीय मूल के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी, एस्तर डफ्लो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से 2019 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है . तीनों अर्थशास्त्रियों को वैश्विक गरीबी खत्म करने के उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए चुना गया. एस्तर डफ्लो अभिजीत बनर्जी की पत्नी हैं. दोनों लोगों को संयुक्त रूप से इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया.

इन तीनों लोगों को ‘एक्सपेरिमेंटल एप्रोच टू एलिवेटिंग ग्लोबल पोवर्टी के लिए नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया. नोबेल कमिटी के अनुसार, इस रिसर्च से वैश्विक गरीबी से निपटने में मदद मिलेगी.

अर्थशास्त्र के लिए इससे पहले भारतीय मूल के अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार दिया गया था. वर्ष 1998 में सेन को अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ )

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