नई दिल्लीः दिल्ली में चुनाव बीतने के दो दिन बाद ही यानी मंगलवार को दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी), एमसीडी और डीडीए के अफसरों के साथ मायापुरी स्क्रैप मार्केट में सर्वे करने पहुंची. भारी संख्या में पुलिस बल को देखते ही व्यापारियों के मन में डर छा गया. पुलिस को देखते ही जिन दुकानदारों ने समान दुकानों से बाहर रखा था, उसे डर के मारे समेटने लगे. हालांकि, पुलिस ने व्यापारियों को बताया कि वे सीलिंग के लिए नहीं, बल्कि सर्वे के लिए आए हैं.
सर्वे में मांगी गई जानकारियां
एमसीडी, डीडीए और डीपीसीसी की स्पेशल टास्क फोर्स ने मायापुरी के स्क्रैप व्यापारियों से सर्वे संबंधित अलग-अलग जानकारियां मांगी है जिसमें उनके प्लॉट नंबर, ऑरिजिनल प्रॉपर्टी ऑनर का नाम, कॉन्टैक्ट नंबर, लाइसेंस परमिट का स्टेटस संबंधित जानकारी मांगी.
मायापुरी स्क्रैप मार्केट में पहुंची बड़ी संख्या में पुलिस | शुभम सिंह
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ये कोर्ट के आदेशों की अवमानना है
बीते 26 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 व्यापारियों द्वारा सीलिंग के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए 20 मई तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
दिप्रिंट से बातचीत करते हुए मायापुरी व्यापार मंडल के अध्यक्ष और स्क्रैप डीलरों को कानूनी सहायता मुहैया कराने वाले इंद्रजीत सिंह कहते हैं, ‘यह कोर्ट के आदेशों का अवमानना है. बेशक सर्वे’ कराना चाहिए लेकिन इस तरीके से नहीं, बकायदा नोटिस देकर. और व्यपारियों को बेवजह परेशान न किया जाए.’
बता दें, मायापुरी के स्क्रैप मार्केट में बीते 13 अप्रैल को सीलिंग हुई थी. इसमें बिना किसी जांच के लगभग 800 यूनिटों की लिस्ट तैयार कर उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया. उनमें से 6 यूनिट को डीपीसीसी द्वारा सील भी कर दिया गया. इस घटना के बाद स्क्रैप व्यापारी कोर्ट पहुंचे. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 20 मई तक मायापुरी में किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.