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Saturday, 21 December, 2024
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माया-अखिलेश ने किया गठबंधन का ऐलान, 38-38 सीट पर लड़ेंगे चुनाव

मायावती ने कहा कि वह अंबेडकर जी के मिशन को आगे बढ़ा रही हैं और सपा लोहिया के बताये रास्ते पर चल रही है. मोदी-अमित शाह की जोड़ी की नींद उड़ी.

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लखनऊः मायावती और अखिलेश यादव ने शनिवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इसमें लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर गठबंध का ऐलान किया गया. दोनों दल 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. दो सीटें अन्य के लिए छोड़ी गई हैं. अमेठी और रायबरेली के सीट पर भी कोई उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया गया है. साथ ही दोनों ने मिलकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला.

गौरतलब है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए अखिलेश मायावती एक साथ आए और मीडिया को संबोधित किया. हॉल में लगे पोस्टर पर एक तरफ जय भीम, तो दूसरी तरफ जय समाजवाद लिखा गया था. मायावती ने कहा कि वह अंबेडकर जी के मिशन को आगे बढ़ा रही हैं और सपा लोहिया के बताये रास्ते पर चल रही है. उन्होंने कहा कि 1993 में कांशीराम और मुलायम सिंह की संयुक्त अगुवाई में चुनाव लड़ा जा चुका है, लेकिन कुछ कारणों से गठबंधन नही चला.

मायावती ने कहा, लेकिन देशहित में गेस्ट हाउस कांड को भुलाकर इस प्रकार का गठबंधन जरूरी हो गया है. गेस्ट हाउस कांड को भूल कर हम जनहित में चुनावी समझौता कर रहे हैं. आज भी उत्तर प्रदेश व देश की जनता बीजेपी के शासन से परेशान है और चुनावी वादों की नाकामी से सभी निराश हैं. उन्होंने कहा कि 38-38 सीटों पर बसपा और सपा चुनाव लड़ेंगी.

सर्वसमाज को आदर देते हुए हम चुनावी गठबंधन कर रहे हैं. 2019 के लिए यह नई राजनीतिक क्रांति होगी. लोग बीजेपी के शासन से दुखी हो चुके हैं. इनके जुल्म से लोग परेशान हैं. आज मजदूर, किसान, गरीब, दलित, बेरोजगार सभी मुसीबतें झेल रहे हैं. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश की बेहतरी के लिए हम एक साथ आये हैं. बीजेपी ने बेईमानी से सरकार बनाई है.

जनविरोधी पार्टी को रोकने के लिए हम एक साथ आये हैं. उपचुनाव में इसकी शुरुआत हो चुकी थी. कांग्रेस की पिछले चुनाव में ज़मानत जब्त हो गई थी. पूरे देश में सभी लोग परेशान हैं. नोटबंदी व जीएसटी का फैसला बिना सोचे-समझे लिया गया है. देश के रक्षा सौदों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने बड़े स्तर पर घोटाले किए हैं.

मायावती ने कहा कि हमने अमेठी व रायबरेली की सीट गठबंधन में बिना शामिल किये कांग्रेस के लिए छोड़ दिये हैं.
बीजेपी की हरकतों से यह गठबंधन और मजबूत हो गया है. आरएलडी के लिए सीट नहीं छोड़ी. फिलहाल, वह गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी. दो सीटें कांग्रेस व दो अन्य छोटे दलों के लिए छोड़ी है.

मयावती ने कहा कि हमने इस गठबंधन में कांग्रेस को क्यों नहीं शामिल किया? इस बारे में आप सभी को मालूम है कि देश की आज़ादी के बाद सबसे ज्यादा राज कांग्रेस ने ही किया. इनके शासनकाल में देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिला है, ऐसी स्थिति में बीजेपी की शासन शैली भी एक जैसी आती है.

इन दोनों के शासनकाल में भ्रष्टाचार हुए हैं. कांग्रेस के दौर में बोफोर्स के बाद वर्तमान में बीजेपी के शासन काल में राफेल घोटाला सामने आया है. मौजूदा दौर का माहौल भी अघोषित तौर पर इमरजेंसी जैसा है. सरकारी तंत्र का दुरुपयोग जारी है. कांग्रेस के साथ गठबंधन करके हमको कोई खास फायदा नहीं होगा. कांग्रेस जैसी पार्टियों को हमसे पूरे वोट का लाभ मिल जाता है, लेकिन हम जैसी ईमानदार पार्टियों को उनके वोट का लाभ नहीं मिल पाता. इसलिए आने वाले लोकसभा चुनाव में हमने कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं किया है, और आगे भी उन (कांग्रेस) जैसी अन्य किसी पार्टियों को शामिल नहीं करने का निर्णय लिया है.

राममंदिर पर केवल जनता को गुमराह किया गया है. 4 जनवरी को हमने दिल्ली में बैठक कर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर समन्वय कर लिया है, जिसकी भनक लगते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम जानबूझकर सीबीआई में घसीटा जा रहा है. इसको लेकर बीजेपी शिवपाल की पार्टी पर पैसा पानी की तरह बहा रही है, जो बिल्कुल अपवित्र है.

प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों का बंटवारा

– बीएसपी 38 सीट पर
– समाजवादी पार्टी 38 पर
– 2 लोकसभा सीट अन्य साथियों के लिए छोड़ी है.
– 2 सीट अमेठी और रायबरेली को कांग्रेस के लिए छोड़ा है.

मायावती ने लोगों को विश्वास दिलाया कि यह गठबंधन आगे भी चलेगा.

वहीं अपने संबोधन में अखिलेश ने कहा कि बात भाजपा के नेताओं तक अगर पहुंच रही हो तो वे जान लें देश में  नफरत का जहर घोलने वाली भाजपा को रोकने के लिए हम दोनों ने गठबंधन किया है और हम दोनों मिलकर इनका सफाया करेंगे. हमारा गठबंधन एक चुनावी गठबंधन नहीं है, हम दोनों पार्टी के कार्यकर्ता मिलकर बीजेपी के अत्याचार का सफाया करेंगे. सत्ता के मद में चूर भाजपा के नेताओं ने आदरणीय मायावती जी के ऊपर अशोभनीय टिप्पणी करना शुरू किया था.

हमारे गठबंधन पर बीजेपी ने उसी दिन मोहर लगा दी थी जिस दिन हमारे संयुक्त प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को छल बल से हराने का प्रयास किया था और हमारा मिलना बहुत जरूरी था. मैंने पहले भी कहा था कि हमें अगर गठबंधन करने के लिए दो कदम पीछे भी हटना पड़ा तो हम हटेंगे, लेकिन बीजेपी को हरा कर रहेंगे और मायावती जी ने एक-दूसरे का सम्मान करने का काम किया है. गठबंधन में सपा के लोग मान लें अब कोई मायावती जी का अपमान करेगा तो वह मेरा अपमान करेगा.

समाजवादियों की पहचान है कि सुख और दुख में एक साथ रहते हैं. बीएसपी और सपा के गठबंधन से घबरा कर भाजपा तरह-तरह के षड़यंत्र कर सकती है. गलतफहमी पैदा कर सकती है. हमारे कार्यकर्ताओं के बीच नफरत का माहौल पैदा कर सकती है. दंगा-फसाद करा सकती है, परंतु हमें संयम और धैर्य से काम करना है और आपसी भाईचारे को मजबूत करना है. मायावती जी द्वारा देशहित में लिए गए ऐतिहासिक फैसले का मैं स्वागत करता हूं और मैं यह मानता हूं कि आने वाले समय में दोनों दलों के संबंध और भी मजबूत होंगे.

अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया कि उत्तर प्रदेश से ही एक बार प्रधानमंत्री बनेगा. अजीत सिंह को समय आने पर सीट उपलब्ध कराई जाएगी. गठबंधन में अजीत सिंह शामिल हैं.

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