अयोध्या: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या शुक्रवार को ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम अपनी पत्नी वीना रामगुलाम और 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे. उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन-पूजन कर लोककल्याण की कामना की.
प्रधानमंत्री रामगुलाम भूटान के प्रधानमंत्री के बाद दूसरे राष्ट्राध्यक्ष बने हैं, जिन्होंने रामलला के समक्ष मत्था टेका.
महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं प्रधानमंत्री रामगुलाम और उनके प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत किया. एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट बिछाकर मंत्रोच्चारण, कलश-आरती और पुष्पवर्षा से अभिनंदन किया गया. ढोल-नगाड़ों और शंखध्वनि ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया.
एयरपोर्ट से सीधा काफिला भारी सुरक्षा के बीच राम मंदिर पहुंचा, जहां प्रधानमंत्री रामगुलाम और उनकी पत्नी ने रामलला की आरती उतारी और लंबे समय तक दर्शन किए. उन्होंने भगवान से भारत-मॉरीशस संबंधों की मजबूती का आशीर्वाद मांगा और मंदिर निर्माण कार्यों का अवलोकन किया. कई बार उनके मुख से “जय श्रीराम” का उद्घोष गूंजा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दौरा भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक एकता का जीवंत प्रतीक है. प्रधानमंत्री रामगुलाम ने भी अयोध्या आने पर गहरी प्रसन्नता व्यक्त की और भगवान राम के प्रति आस्था प्रकट की.
राम मंदिर परिसर में टाटा कंपनी की ओर से मंदिर निर्माण पर आधारित एक विशेष लघु फिल्म दिखाई गई. मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री को राम मंदिर का मॉडल भेंट किया, जबकि उनकी पत्नी वीना रामगुलाम को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.
भारत और मॉरीशस के बीच संबंध सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आधार पर भी गहरे जुड़े हैं. मॉरीशस की बड़ी आबादी भारतीय मूल की है और वहां भगवान राम व रामकथा के प्रति विशेष आस्था है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री रामगुलाम का यह अयोध्या दौरा दोनों देशों के रिश्तों को और प्रगाढ़ करने वाला माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री के आगमन पर अयोध्या में व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए. एयरपोर्ट से लेकर मंदिर तक सुरक्षा बल तैनात रहे. सीसीटीवी से हर गतिविधि पर नजर रखी गई और मंदिर परिसर में पुलिस बल व एटीएस की टीमों ने मोर्चा संभाला.