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बुधवार, 18 जून, 2025
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छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले, ST/SC छात्रों को राहत और सोलर योजना को बढ़ावा

वन्यजीव संरक्षण और ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी' बनाने का निर्णय भी मंत्रिपरिषद ने लिया.

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रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को सिविल लाइन स्थित उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्यहित से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए. इनमें अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति की सूची से तकनीकी कारणों से वंचित कुछ जातियों को छात्रवृत्ति और छात्रावास सुविधा देने, घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर रूफटॉप पर अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने, बाघों के संरक्षण के लिए टाइगर फाउंडेशन सोसायटी बनाने जैसे बड़े फैसले शामिल हैं.

कैबिनेट ने डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव, पबिया, पविया, पवीया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति और डोमरा समाज को अनुसूचित जाति के समकक्ष मानते हुए उन्हें राज्य मद से छात्रवृत्ति, शिष्यवृत्ति और छात्रावासों में प्रवेश की सुविधा देने की सहमति दी है.

बैठक में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को राज्य में लागू करने के लिए उपभोक्ताओं को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का फैसला भी किया गया. एक किलोवाट के सोलर प्लांट पर 15 हजार रुपए की राज्य सहायता दी जाएगी, वहीं 3 किलोवाट या अधिक क्षमता पर यह सहायता 30 हजार तक होगी. केंद्र से मिलने वाली राशि मिलाकर कुल सहायता 1.08 लाख रुपये तक पहुंच सकती है. योजना का संचालन छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (CSPDCL) करेगी और दो साल में कुल 1.3 लाख संयंत्र लगाने का लक्ष्य है.

वन्यजीव संरक्षण और ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी’ बनाने का निर्णय भी मंत्रिपरिषद ने लिया. यह संस्था राज्य में घटती बाघों की संख्या को ध्यान में रखते हुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्य करेगी और अपने संसाधनों से फंड जुटाएगी.

इसके अलावा नारायणपुर स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में कार्यरत सहयोगी संस्था ‘विश्वास’ को आश्रम में मर्ज करने, बेमेतरा जिले के बेलगांव में उद्यानिकी विश्वविद्यालय के लिए 100 एकड़ भूमि देने और जशपुर की ‘JashPure’ ब्रांड को राज्य सरकार अथवा CSIDC को हस्तांतरित करने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.

नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों को अब किसी भी विभाग और जिले में अनुकम्पा नियुक्ति देने की छूट भी दी गई है. पहले यह नियुक्ति केवल उसी विभाग में दी जाती थी जिसमें मृतक कार्यरत था.

इसके अलावा राज्य में गौण खनिजों के सुव्यवस्थित अन्वेषण और अधोसंरचना विकास के लिए ‘स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट’ (SMET) के गठन को भी स्वीकृति दी गई. यह ट्रस्ट खनिजों की रॉयल्टी से 2% अतिरिक्त फंड प्राप्त करेगा और उसका उपयोग आधुनिक तकनीकों व लॉजिस्टिक व्यवस्था के लिए किया जाएगा.

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