नई दिल्ली : ‘मन की बात’ की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्त भारतवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी. उन्होंने दिवाली के महत्व को समझाते हुए कहा, ‘आजकल दुनिया के अनेक देशों में दिवाली मनायी जाती है. इसमें सिर्फ भारतीय समुदाय शामिल होता है, ऐसा नहीं है बल्कि अब कई देशों की सरकारें, वहां के नागरिक दिवाली को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. एक प्रकार से वहां ‘भारत’ खड़ा कर देते हैं.’
उन्होंने ‘फेस्टिवल टूरिज्म’ पर जोर देते हुए कहा है कि हमें अपने त्यौहारों का प्रचार-प्रसार करना चाहिए. गौरतलब है कि भारत देश त्यौहारों का देश है. पिछले मन की बात में नरेंद्र मोदी ने दिवाली के दिन नारी शक्ति को सेलिब्रेट करने के लिए भारत की लक्ष्मी के टैग के तहत प्रेरणादायक कहानियां शेयर करने की अपील की थी. इस बार के मन की बात में उन्होंने इस हैशटैग के तहत आई सारी कहानियों की पढ़ने और शेयर करने के लिए कहा.
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 12 नवंबर को दुनियाभर में मनाए जा रहे गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं शीश झुकाकर गुरुनानक देव को नमन करता हू.’
सरदार पटेल की जयंती पर रन फॉर यूनिटी का आयोजन
भारत के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) के उपलक्ष्य पर पीएम मोदी ने पटेल की कार्यशैली की विशेषताओं का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे उन्होंने देश का एकीकरण किया. इस दौरान पीएम ने 1921 में गुजरात के अहदाबाद में कांग्रेस के अधिवेशन की बात करते हुए कहा कहा कि इस अधिवेशन के दौरान उन्होंने किसानों से खादी के बैग बनाने के लिए कहा. डेलिगेट्स को अपने जूते बैग में रखने का आग्रह किया. इस तरह खादी का प्रचार हुआ और डेलिगेट्स के जूते चोरी होने से भी बच गए
पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में पीएम ने दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को जाकर देखने की बात कही. गौरतलब है कि इस दिन ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाया जाता है. हर बार की तरह इस बार भी मोदी सरकार ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन कराएगी.
राम जन्म भूमि फैसले पर सयंम बरतने की सलाह
पीएम मोदी ने सितम्बर 2010 में आए राम जन्मभूमि पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को याद करते हुए कहा, ‘उस वक्त मैदान में कई ग्रुप्स उतर आए थे. सब अपनी राजनीति चमकाने के लिए बयानबाजी कर रहे थे. लेकिन कुछ दिन बाद आश्चर्यजनक बदलाव देश ने महसूस किया.’
उन्होंने आगे कहा, ‘उस फैसले के बाद राजनैतिक दलों से लेकर सामाजिक संगठनों और सभी संप्रदाय के लोगों ने बहुत ही संतुलित बयान दिए थे. वो दिन याद करता हूं तो मुझे खुशी होती है. कैसे इतनी गर्माहट के बाद भी तनाव का माहौल नहीं बनने दिया गया. एकता का स्वर, देश को, कितनी बड़ी ताकत देता है उसका यह उदाहरण है.’
आखिर में अपनी बात खत्म करते-करते पीएम मोदी ने एक बार फिर दिवाली की शुभकामनाएं दी और पटाखे चलाते समय सावधानी बरतने की सलाह भी.