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Saturday, 28 September, 2024
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छत्तीसगढ़ में पैंगोलिन के साथ पकड़ा गया व्यक्ति, पुलिस को अंतरराज्यीय वन्यजीव तस्करी नेटवर्क सक्रिय होने का संदेह

पीताम्बर कटा ओडिशा के नुआपाड़ा जिले का रहनेवाला है. पुलिस ने बताया कि कटा ने यह स्वीकार नहीं किया है कि पैंगोलिन को उसने स्वयं जंगल से पकड़ा था. लेकिन उसका कहना है कि वह किसी के लिए काम कर रहा था.

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रायपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस कहना है कि दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए पैंगोलिन तस्कर के तार वन्यजीव अपराध के किसी अन्तर्राज्यीय गिरोह से जुड़े हो सकते हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को गिरफ्तार किये गए 28 वर्षीय तस्कर पीताम्बर कटा से जांच में कुछ ऐसी जानकारी मिली है, जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.

पुलिस का मानना है कि गरियाबंद जिले के नक्सल प्रभावित कुल्हाड़ीघाट गांव से एक जीवित पैंगोलिन के साथ गिरफ्तार इस तस्कर से पूछताछ में यह बात निकलर सामने आई है कि वह इस पैंगोलिन किसी ऐसे व्यक्ति को सौंपने करने जा रहा था जिसके संबंध अन्तर्राज्यीय वन्यजीव तस्करी से जुड़े हैं.

पीताम्बर कटा ओडिशा के नुआपाड़ा जिले का रहनेवाला है. पुलिस ने बताया कि कटा ने यह स्वीकार नहीं किया है कि पैंगोलिन को उसने स्वयं जंगल से पकड़ा था. लेकिन उसका कहना है कि वह किसी के लिए काम कर रहा था.

दिप्रिंट से बात करते हुए गरियाबंद पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने बताया कि ‘मुखबीर द्वारा सूचना मिलने पर कटा को शुक्रवार को गिरफ्तार कर उससे एक जिंदा पैंगोलिन बरामद किया गया. जिसे बाद में वन विभाग के अधिकारियों को सुपुर्द कर दिया गया था. इसके बाद शानिवार को उसे कोर्ट में पेश कर जुडिशियल रिमांड में भेज दिया गया है.’


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मैनपुर थाना प्रभारी भूषण चंद्राकर ने बताया कि पीताम्बर के किसी बड़े गिरोह के साथ जुड़े होने से इंकार नही किया जा सकता है. उसने यह तो स्वीकार किया है कि बरामद की गई पैंगोलिन को किसी ऐसे व्याक्ति को देने जा रहा था जो आगे भी उसे व्यापार के लिए इस्तेमाल करते है. इन व्यक्तियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. कटा की मोबाइल फोन काल डिटेल्स खंगाली जा रही हैं. हमे कुछ ऐसी जानकारी जरूर मिली है जिसे अभी सार्वजनिक नही किया जा सकता.

पैंगोलिन ने हाल ही में सुर्खियां बटोरीं क्योंकि शुरुआती रिपोर्टों ने सुझाव दिया था कि कोविड-19 वायरस इन दुर्लभ स्तनधारियों से आया हो, ऐसा हो सकता है. कोरोनावायरस का पहला मामला चीन में वुहान के वेट मार्केट में मिला था, जहां पैंगोलिन सहित जीवित जानवरों का व्यापार किया जाता था.

शिकारी, चीन भेजने वाले पैंगोलिन तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है

पटेल ने बताया कि ‘पूछताछ में पता चला है कि कटा नुआपाड़ा जिले का रहनेवाला है. जानकारी के अनुसार गरियाबंद और पड़ोसी जिला महासमुंद की पुलिस द्वारा संयुक्त आपरेशन में 14 जून को गिरफ्तार किए दो अन्य पैंगोलिन तस्कर भी इसी क्षेत्र के रहनेवाले थे. इन्हें भी ओडिशा बॉर्डर से लगे वनक्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था. हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या दोनों गिरफ्तारियों का आपस में कोई संबंध है.’

पटेल ने आगे बताया कि,’विगत करीब दो महीनों में ओडिशा से लगने वाले बार्डर क्षेत्रों से तीन लोगों को तेंदुए की खाल के साथ और दो अन्य हीरा तस्कर भी गिरफ्तार किए गए थे. इस बात की भी जांच की हो रही है कि कहीं इन गिरफ्तारियों का संबंध पैंगोलिन तस्करों से तो नहीं है. इसके साथ ही पिछले कुछ वर्षों के दौरान इन क्षेत्रों में वन्यजीव अपराधों से सबंधित हुई अन्य गिरफ्तारियों की जांच भी जारी है जिससे पता चल सके कि राज्य में कहीं वन्यजीव तस्करों का कोई बड़ा गिरोह तो सक्रिय नही है.’

गरियाबंद एसपी का कहना है कि जांच में ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इनके तार किसी बड़े अन्तर्राज्यीय वन्यजीव अपराधियों के साथ जुड़े हो सकते हैं. लेकिन पुख्ता तौर पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है.

लेकिन इतना तो तय है कि पैंगोलिन की तस्करी ज्यादातर चीन के बाजार के लिए किया जाता है. वहीं पुलिस के एक अन्य अधिकारी और सूत्र का कहना है कि, ‘कटा की पूछताछ में इस बात की ओर इशारा है कि पिछले दो सप्ताह में गिरफ्तार तस्करों से बरामद की गयी तीन पैंगोलिन की तस्करी चीन के बाजार के लिए थी.’

राज्य के वन्यजीव प्रतिपालक और एपीसीसीएफ अरुण कुमार पांडेय ने हमसे कहा, ‘पुलिस ने तस्कर से बरामद पैंगोलिन को उनके हवाले कर दिया है. उसके हालात का जायजा लेकर उसे जंगल के अंदर जल्द छोड़ दिया जायेगा. पैंगोलिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत शिड्यूल एक का जीव है, जिसके तहत शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथी जैसे संवेदनशील जानवरों को रखा गया है. जांच हर संभव एंगल से की जाएगी.’

पांडे ने कहा कि विभाग को पुलिस से बरामद पैंगोलिन मिला था और अगर जरूरत पड़ी तो उसे फिर से जंगली में छोड़ दिया जाएगा.

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