नई दिल्ली: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार रात हिंसा में मरने वालों के परिवार वालों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है. लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यह हिंसा उनके राज्य को बदनाम करने की बड़ी साजिश है.
बनर्जी ने गुरुवार को रामपुरहाट के बगतुई गांव का दौरा किया जहां दो दिन पहले तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की मौत के कुछ घंटे बाद महिलाओं और बच्चों समेत आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया. एक उग्र भीड़ ने उनके घरों को जला दिया जिसमें उनकी मौत हो गई.
बनर्जी ने गुरुवार को कहा, ‘यह घटना निंदनीय है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.’
बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये के चेक दिए, नौकरी देने का वादा किया और उनके जले हुए घरों को फिर से बनाने के लिए 2 लाख रुपये दिए.
बनर्जी ने कहा कि पुलिस हत्याओं के सभी एंगलों की जांच करेगी. उन्होंने पीड़ितों के परिजनों से कहा कि इस घटना से उनका दिल एकदम उदास है और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इतना बर्बर कुछ बंगाल में कभी हो सकता है.
बीजेपी ने बनर्जी पर विपक्षी आवाजों को दबाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और रामपुरहाट की घटना को जवाबी कार्रवाई करार दिया.
इस मामले पर राज्य बीजेपी ने पांच सदस्यीय दल का गठन किया है जो बीजेपी अध्यक्ष नड्डा को रिपोर्ट सौंपेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मौतों पर शोक व्यक्त करते हुए दोषियों को पकड़ने में राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने बंगाल के लोगों से कहा कि वे राज्य में हिंसा को बढ़ावा देने वालों को कभी माफ न करें.
कोलकाता हाई कोर्ट ने पुलिस को गवाहों की रक्षा करने का आदेश दिया है, और जल्द से जल्द सबूत इकट्ठा करने के लिए एक केंद्रीय फोरेंसिक टीम को बुलाया है.
बंगाल सरकार के तीखे आलोचक, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा: “यह एक शर्मनाक घटना है. लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक होता है। मैं सरकार से रक्षा की पेशकश करने के बजाय सबक सीखने की अपील करता हूं.
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