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Tuesday, 19 November, 2024
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लॉकडाउन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी खर्चों में कटौती करेगी बंगाल की ममता बनर्जी सरकार

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनकी सरकार हजारों करोड़ के नुकसान के बावजूद तमाम कर्मचारियों को बिना कटौती के पहली तारीख को वेतन दे चुकी है.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोनावायरस से निपटने पर होने वाले खर्च और इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकारी खर्चों में कई तरह की कटौतियों का एलान किया है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनकी सरकार हजारों करोड़ के नुकसान के बावजूद तमाम कर्मचारियों को बिना कटौती के पहली तारीख को वेतन दे चुकी है. वह ऐसा करने वाली पहली राज्य सरकार है. तमाम राज्यों ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती का एलान किया है और समय पर वेतन नहीं दे पा रहे हैं.

ममता का कहना है कि कोरोना के संक्रमण से निपटने के मामले में बंगाल पूरे देश के लिए मॉडल बन सकता है. ममता बनर्जी ने इसी सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेज कर कोरोना से मुकाबले के लिए ढाई हजार करोड़ की सहायता मांगी थी. इसके साथ ही उन्होंने पहले के बाकी 36 हजार करोड़ की रकम देने की भी मांग उठाई थी. वित्त विभाग की ओर से शुक्रवार शाम को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि वित्त विभाग की मंजूरी के बिना नई योजनाएं शुरू नहीं की जा सकेंगी. सरकार ने तमाम विभागों में नए वाहन, कंप्यूटर, एसी, फर्नीचर और वाटर कूलर की खरीद के अलावा किराए पर नई गाड़ियां लेने पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.

मुख्यमंत्री ने सरकारी खर्चों में कटौतियों का एलान करते हुए दावा किया कि बंगाल में अब तक लॉकडाउन सबसे कामयाब रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए अगले छह महीने तक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को मुफ्त में राशन देने का काम भी एक अप्रैल से शुरू हो गया है. सरकार ने किसानों की सहायता के लिए कई उपायों का एलान किया है ताकि रबी की फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सके. लॉकडाउन की वजहों से मजदूरों की कमी को ध्यान में रखते हुए सरकार राज्य के विभिन्न हिस्सों में ऐसे केंद्रों की स्थापना कर रही है जहां से किराए पर मशीनें लेकर किसान खेती के काम कर सकेंगे. ऐसे कुछ केंद्र पहले से ही चल रहे हैं. ममता बताती हैं, ‘वर्ष 2012 से राज्य में ऐसे 1380 केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं.’


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मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य के पुलिसवाले कानून और व्यवस्था की स्थिति की निगरानी के साथ ही रोजाना तेरह सौ बोतल रक्तदान कर रहे हैं. राज्य के थैलेसीमिया मरीजों के लिए रोजाना ग्यारह सौ बोतल खून की जरूरत पड़ती है. कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में होने वाले रक्तदान शिविर में कोलकाता पुलिस की हर शाखा से रोजाना कम से कम 60 जवान और अधिकारी रक्तदान करेंगे.

बंगाल में अब तक कोरोना के 63 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि कोलकाता के बेलेघाटा आईडी अस्पताल में भर्ती नौ लोग ठीक होकर शुक्रवार को घर लौट गए. मुख्यमंत्री, जिनके जिम्मे स्वास्थ्य मंत्रालय भी है, ने बताया कि राज्य में इस समय 52 हजार से ज्यादा लोग होम क्वारेंटाइन में हैं और स्वास्थ्य विभाग उन पर निगाह रख रहा है. अब तक कोरोना के मरीजों को यहां बेलियाघाटा स्थिति सक्रामक रोगों के अस्पताल में ही दाखिल किया जाता था. लेकिन अब दक्षिण कोलकाता के एमआर बांगुर सरकारी अस्पताल को कोरोना अस्पताल में बदल दिया गया है. लेकिन वहां के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने इस संक्रमण से निपटने के लिए आधारभूत सुविधाओँ की कमी का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया है.

एक प्रदर्शनकारी का कहना था कि अस्पताल में निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की भारी कमी है. बार-बार अनुरोध करने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने पर्याप्त तादाद में पीपीई मुहैया नहीं कराया है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. शिशिर नास्कर ने भरोसा दिया कि उनकी मांग शीघ्र पूरी की जाएगी. लेकिन बावजूद इसके स्वास्थ्यकर्मियों में भारी असंतोष है.

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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