दिल्ली: सेवानिवृत्त मेजर जनरल गगन दीप बख्शी ने शुक्रवार को उनकी मौत की अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि वह जीवित हैं और “अभी तक अल्लाह के पास ऊपर नहीं गए हैं.’
युद्ध को लेकर अपनी तीखी टिप्पणियों के बारे में मशहूर भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘मेरे सभी चिंतित मित्रों और जो लोग बहुत मित्रवत नहीं हैं. मैं जिंदा हूं, घबराने की ज़रूरत नहीं है. अभी तक मैं ऊपर अल्लाह तआला के पास नहीं गया हूं.’
उन्होंने लिखा कि ‘सुबह से ही ‘चिंतित दोस्तों ‘ की फोन कॉल्स आ रही हैं ये पता करने के लिए मैं जिंदा हूं कि नहीं.’
बख्शी का यह स्पष्टीकरण उनकी मौत के बारे में कथित तौर पर कुछ व्हाट्सएप मैसेजेस के बार-बार फॉरवर्ड होने के बाद आया है.
जम्मू-कश्मीर राइफल्स से मेजर जनरल बख्शी ने सैन्य अभियान महानिदेशालय में दो बार कार्यरत रहे हैं और उत्तरी कमान (भारत) मुख्यालय में पहले बीजीएस (आईडब्ल्यू) थे. इससे पहले शुक्रवार को एक ट्वीट में उन्होंने चीनी सेना की कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की और भारत को चीनी सीमा पर ‘तेज नज़र’ बनाए रखने की बात कही. .
जनरल बख्शी ने ट्वीट किया, ‘जब हम दूसरी लहर को लेकर चिंतित हैं -मेरी गंभीर सलाह. कृपया चीन की सीमा पर तीखी नजर रखें. यदि यह जैविक युद्ध है तो वे सीमा पर कार्रवाई कर सकते हैं.
‘वुहान वायरस’ और ‘पागल कुत्तों’ पर
बख्शी ने मंगलवार को बताया था कि कैसे वुहान में पैदा हुए इस वायरस का केवल ब्रिटेन और यूरोप जैसे चीन के ‘विरोधी’ देशों में ही म्यूटेशन का प्रभाव देखने को मिल रहा है न कि पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में .
उन्होंने ट्वीट किया, ‘कुछ बहुत तार्किक सवाल. वुहान वायरस की उत्पत्ति चीन में हुई थी. कैसे संभव है कि वहां कोई म्यूटेशन नहीं हुआ है? कैसे केवल भारत में म्यूटेशन हुआ है, पाकिस्तान, बांग्लादेश या किसी अन्य दक्षिण एशियाई देश में नहीं? इसके अलावा यह चीन के विरोधी देशों ब्रिटेन और यूरोप में हुआ है.’
पिछले साल बख्शी, जो अक्सर रक्षा विशेषज्ञ के रूप में समाचार चैनलों पर पैनल चर्चाओं पर दिखाई देते हैं, ने पोर्टल डिफेंसिव ऑफेंसिव को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान को ‘पागल कुत्ता’ कहने पर सुर्खियां बटोरी थीं .
बख्शी ने कहा था, युद्ध कूटनीतिक आपदा नहीं है, बल्कि एक अपरिहार्य कीमत है जो कि पाकिस्तान को पागल कुत्ता होने के नाते चुकानी पड़ेगी.
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