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Saturday, 21 December, 2024
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महाराष्ट्र के मंत्रालय का कमरा नंबर 602- एक अशुभ दफ्तर जिसमें काम करने से अजित पवार ने मना कर दिया

पवार की पहचान उन लोगों में से है जो धर्म और ज्योतिषियों में विश्वास नहीं रखते हैं. लेकिन पुराने अनुभवों को देखते हुए वे उन्हें भुला नहीं सकते.

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मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मंत्रालय में 602 नंबर का कमरा आवंटित किया गया है. सोमवार को जबसे उन्होंने शपथ ली है तब से वो इस दफ्तर के पास भी नहीं गए हैं क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है.

मंगलवार को सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि शपथ लेने के बाद से काम पर अपने पहले दिन, पवार ने प्रधान सचिव सीताराम कुंटे के कमरे का इस्तेमाल किया, जिसे वे स्थायी तौर पर रखने के इच्छुक हैं.

आईएएस अधिकारी कुंटे का कमरा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के कमरे के बीच में है, जोकि छठे मंज़िल पर है. इस कमरे में इतनी जगह है कि इसे आसानी से पवार के दफ्तर के रुप में परिवर्तित किया जा सकता है. लेकिन पीडबल्यूडी को कहा गया है कि कुछ बदलाव किए जाएं और कुंटे को 602 नंबर के कमरे में भेजा जाए.

पीडबल्यूडी के एक सूत्र ने कहा कि अजित पवार कमरा नंबर 602 की तरफ भी नहीं जाते हैं. उन्होंने पीडबल्यूडी को कहा है कि वो कुंटे के रुम में काम करना चाहते हैं. यह जानकारी प्रशासनिक विभाग के सूत्रों से प्रमाणित है.

‘अशुभ’ तमगा

कमरा नंबर 602 में पहले छगन भुजबल, एकनाथ खडसे, पांडुरंग फुंडकर और अनिल बोंडे काम कर चुके हैं. ये सभी लोग कई सारे विवाद में रह चुके हैं जिस कारण इनके मंत्रित्वकाल छोटे हो गए.

पवार की पहचान उन लोगों में से है जो धर्म और ज्योतिषियों में विश्वास नहीं रखते हैं. लेकिन पुराने अनुभवों को देखते हुए वे उन्हें भुला नहीं सकते.


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भुजबल ने इस कमरे में काम करना तब शुरू किया था जब वो महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री थे और 1999 से लेकर 2003 के बीच गृह मंत्री के तौर पर भी काम कर रहे थे. लेकिन उन पर कई सारे भ्रष्टाचार के आरोप लगे और अंत में उन्होंने सुशील कुमार शिंदे की कैबिनेट से दिसंबर 2003 में इस्तीफा दे दिया. प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में जांच कर रही थी लेकिन 1 नवंबर 2004 को फिर से पीडबल्यूडी मंत्री के तौर पर वापसी हुई और 26 सितंबर 2014 तक वो इस पद पर रहे. वो 8 दिसंबर 2008 से लेकर 10 नवंबर 2010 के बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री रहे. मार्च 2016 में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया जिसके बाद उन्हें दो साल जेल में बिताने पड़े और अंत में 4 मई 2018 को उन्हें बेल मिली.

देवेंद्र फडणवीस जो कि 2014-2019 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे, उनके काल में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं था इसलिए यह कमरा खडसे को आवंटित किया गया. खडसे राजस्व और कृषि मंत्री थे. खडसे पर भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. हालांकि एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी. लेकिन उसके बाद खडसे को दोबारा फडणवीस कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया और भाजपा ने उन्हें साइडलाइन कर दिया. उन्होंने हाल ही में उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात की और शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार में शामिल होने की संभावना पर चर्चा की.

फुंडकर को जुलाई 2016 में फडणवीस कैबिनेट में शामिल किया गया जिसमें उन्हें कृषि मंत्री का पद दिया गया और कमरा नंबर 602 आवंटित किया गया. महत्वपूर्ण पद मिलने के बाद भी फुंडकर को फडणवीस और भाजपा से ज्यादा तवज्जो नहीं मिली और वो पदों के आवंटन को लेकर खुश नहीं थे. 31 मार्च 2018 को कार्डिक समस्या के कारण उनकी मृत्यु हो गई, उस समय वो कृषि मंत्री के पद पर हीं थे.

बोंडे को जुलाई 2019 में फडणवीस कैबिनेट में बतौर कृषि मंत्री शामिल किया गया. लेकिन उन्हें बस कार्यकारी कृषि मंत्री के तौर पर हीं जगह मिली क्योंकि चुनाव नज़दीक आने वाले थे. कृषि क्षेत्र के महत्वपूर्ण फैसले फडणवीस खुद लिया करते थे.

‘अशुभ नंबर’

अंक विशेषज्ञ श्रेनिक पटनायक ने कहा कि कमरा नंबर 602 अशुभ है.


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पटनायक ने कहा, ‘इस कमरे का जोड़ आठ बनता है (6 और 2 को मिलाकर), जोकि हिंदू मान्यता के आधार पर अशुभ माना जाता है. आठ को सैटर्न का अंक माना जाता है जिसे शनि भी कहते हैं. जिसे अक्सर शुभ नहीं समझा जाता है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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