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Saturday, 23 November, 2024
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महाराष्ट्र में नहीं थम रहा गतिरोध, आज शाम कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना करेगी गठबंधन के नेता का एलान

मंगलवार शाम पांच बजे कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना संयुक्त बैठक करेंगी और गठबंधन के नेता का नाम घोषित करेंगी. महाराष्ट्र में मची उठा-पटक पर बोले पूर्व पीएम मनमोहन - मौजूदा सरकार में ‘संवैधानिक मूल्य सुरक्षित नहीं हैं.’

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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय द्वारा देवेंद्र फडणवीस सरकार को महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार शाम तक बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है. इसी बीच एक बार फिर से महाराष्ट्र में उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है. वहीं दूसरी तरफ एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस पार्टी ने 162 विधायक साथ होने की बात कही है.

खबर आ रही है कि मंगलवार शाम पांच बजे कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना तीनों राजनैतिक पार्टियां संयुक्त बैठक करेंगी और गठबंधन के नेता का नाम घोषित करेंगी. वहीं खबर आ रही है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अब से कुछ देर में मीडिया से बातचीत करेंगे.

एनसीपी के नेता जयंत पाटिल ने कहा कि हम राज्यपाल से प्रोटेम स्पीकर के रूप में बालासाहेब थोराट का नाम प्रपोज़ करते हैं और मुझे उम्मीद है कि राज्यपाल हमारी बात सुनेंगे.

मनमोहन सिंह बोले मौजूदा सरकार में संवैधानिक मूल्य सुरक्षित नहीं

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा सरकार में ‘संवैधानिक मूल्य सुरक्षित नहीं हैं.’ सिंह ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने जो भी फैसला दिया है उसका सम्मान होना चाहिए.’नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने यह भी कहा, ‘जिस तरह से केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में कदम उठाया है उससे साफ है कि मौजूदा शासन के हाथों में संवैधानिक मूल्य सुरक्षित नहीं हैं.’उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस बुधवार को विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करें.

न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त से बचने के लिए यह जरूरी है.

शिवसेना गठबंधन के पास 162 विधायकों का समर्थन, फडणवीस इस्तीफा दें

वहीं शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 162 विधायकों का समर्थन है और ऐसे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पद से इस्तीफा देना चाहिए.

उन्होंने दावा किया कि शक्ति परीक्षण के दौरान शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के महा विकास अघाड़ी गठबंधन के पास 170 विधायकों का समर्थन होगा. उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को शक्ति परीक्षण करवाया जाएगा, अब फडणवीस को बुधवार को सदन में बहुमत साबित करना होगा.

शनिवार को सुबह राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की और राकांपा के अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी.


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शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, ‘सभी को अंधेरे में रखते हुए देवेंद्र फडणवीस को शपथ दिलवाई गई. उन्हें पद से इस्तीफा देना चाहिए. हमारे पास कम से कम 162 विधायकों का समर्थन है. शक्ति प्रदर्शन के दौरान 170 विधायक हमारा समर्थन करेंगे.’

शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर शिवसेना के वरिष्ठ नेता यहां एक होटल में रुके पार्टी के 56 विधायकों से आज मुलाकात करेंगे. पार्टी के एक नेता ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बैठक को संबोधित करेंगे.

इस बीच शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले को ‘लोकतंत्र की हत्या’करार दिया.

राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा बहुमत के फर्जी दस्तावेज दिखाकर सत्ता में आई.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि शक्ति परीक्षण के दौरान महा विकास अघाड़ी का एक भी विधायक दल नहीं बदलेगा. हमने राष्ट्रपति और राज्यपाल के समक्ष यह दिखाया है कि हमारे पास 162 विधायकों का समर्थन है.’

राउत ने कहा कि अगर भाजपा के पास बहुमत है तो उसे विश्वास मत के दौरान इसे साबित करना चाहिए.

गौरतलब है कि फडणवीस सरकार के शक्ति परीक्षण के संबंध में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से एक दिन पहले, सोमवार को शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठजोड़ ने अपनी ताकत दिखाते हुए 162 विधायकों की परेड करायी.

इस दौरान सभी विधायकों ने भाजपा के किसी भी प्रलोभन के सामने नहीं झुकने का संकल्प लिया. शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के विधायक फिलहाल मुंबई के अलग-अलग होटलों में ठहरे हुए हैं.

महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी थी.

उल्लेखनीय है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव में क्रमश: 105 और 56 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था.

हालांकि, शिवसेना की मुख्यमंत्री पद की मांग भाजपा द्वारा ठुकराए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया. राकांपा और कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में क्रमश: 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस ने न्यायालय के आदेश को सराहा

महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को शक्ति परीक्षण करवाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने स्वागत किया और कहा कि सचाई की जीत होगी और भाजपा पराजित होगी.

वहीं दूसरी ओर, न्यायालय के आदेश के बाद भाजपा ने कहा कि वह इस फैसले का सम्मान करती है तथा उसे सदन में बहुमत साबित करने का पूरा भरोसा है. राकांपा प्रमुख शरद पवार ने संवैधानिक सिद्धांतों को बरकरार रखने के लिए शीर्ष अदालत के फैसले को सराहा.

पवार ने ट्वीट किया, ‘मैं लोकतांत्रिक मूल्यों एवं संवैधानिक सिद्धातों को बरकरार रखने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय का आभारी हूं. यह खुशी की बात है कि महाराष्ट्र पर फैसला संविधान दिवस के मौके पर आया जो भारत रत्न डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर को एक श्रद्धांजलि है.’

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सच को हराया नहीं जा सकता. राउत ने ट्वीट किया, ‘सत्यमेव जयते.’

राज्यसभा सदस्य राउत ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘सत्य परेशान हो सकता है..पराजित नहीं हो सकता…..जय हिंद.’

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिवसेना नीत गठबंधन के पास 162 विधायकों का समर्थन है और वह महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित कर सकते हैं.

राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘सत्यमेव जयते, भाजपा का खेल खत्म.’

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने ट्वीट किया, ‘हम माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. लोकतंत्र में संविधान सर्वोपरि है और धन तथा बाहुबल से कहीं अधिक शक्तिशाली है. हम 162 हैं.’

महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने संवाददाताओं से कहा,‘न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं, हम बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं, हम यह करके दिखाएंगे.’

उन्होंने कहा कि मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता बैठक करेंगे और शक्ति परीक्षण से पहले रणनीति पर विचार करेंगे.

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल को निर्देश दिया कि वह 27 नवंबर को राज्य विधानसभा में शक्ति परीक्षण सुनिश्चित करें. अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बुधवार को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा.

शीर्ष अदालत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश दिया कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्य बुधवार को ही शपथ ग्रहण करें.

न्यायालय ने कहा कि समूची प्रक्रिया पांच बजे तक पूरी हो जानी चाहिए.

न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान गुप्त मतदान नहीं हो और विधानसभा की पूरी कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाए.

महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सत्ता में काबिज रहने के लिए 145 विधायकों का समर्थन साबित करना होगा.

उल्लेखनीय है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव में क्रमश: 105 और 56 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था.

हालांकि, शिवसेना की मुख्यमंत्री पद की मांग भाजपा द्वारा ठुकराए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया. राकांपा और कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में क्रमश: 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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