उज्जैन: मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन में स्पिरिचुअल और वेलनेस समिट के जरिए प्रदेश को देश का नया स्पिरिचुअल और वेलनेस हब बनाने का रोडमैप साझा किया. इस मौके पर प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व और एमपी टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्य प्रदेश की यात्रा ही अपने आप में वेलनेस है. प्रकृति की गोद में बसे प्रदेश के पचमढ़ी, अमरकंटक जैसे पर्यटन स्थल और राष्ट्रीय उद्यान, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुकून और शांति का अनुभव कराते हैं. वहीं उज्जैन, मैहर और ओंकारेश्वर जैसे धार्मिक स्थल आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र हैं.
उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में मध्य प्रदेश देश का प्रमुख स्पिरिचुअल और वेलनेस हब बनेगा.
समिट के दौरान पैनल डिस्कशन में “आइडियेटिंग द पार्टनरशिप मॉडल” विषय पर निवेशकों और हितधारकों ने भाग लिया.
प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में निवेश के लिए 4 महत्वपूर्ण “सी” मौजूद हैं – कनेक्टिविटी, क्लाइमेट, क्लीन और कैश.
उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश देश में सेंट्रली लोकेटेड है और पहला ऐसा राज्य है जो इंट्रा-स्टेट एयर कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ है. प्रदेश में 8 एयरपोर्ट संचालित हैं. यहां का मौसम सभी पर्यटकों को आकर्षित करता है. राजधानी भोपाल और इंदौर देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल हैं. साथ ही निवेशकों के लिए आकर्षक सब्सिडी, सिंगल विंडो परमिशन और निवेश-अनुकूल नीतियां भी मौजूद हैं.”
उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार हर कदम पर उनका सहयोग करेगी. समिट के दौरान प्रमुख सचिव ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदेश की प्राकृतिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक खूबियों से निवेशकों को अवगत कराया.
प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र सिंह ने कहा कि उज्जैन न सिर्फ मध्य प्रदेश का बल्कि देश का आध्यात्मिक केंद्र है. यह समिट वेलनेस पर्यटन और संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण मंच है. इसका उद्देश्य उज्जैन और मध्य प्रदेश को प्रमुख वेलनेस हब के रूप में स्थापित करना है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
कलेक्टर उज्जैन रोशन कुमार सिंह ने सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन में प्रस्तावित विकास कार्यों का खाका प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि शिप्रा नदी को अविरल और प्रवाहमान बनाए रखने, आवागमन को सुगम और गतिशील बनाने, नागरिक सेवाओं को सशक्त बनाने, सांस्कृतिक विकास, कपिल गौशाला और आईटी पार्क निर्माण सहित समग्र विकास की योजनाओं पर काम हो रहा है.
उज्जैन में 10 लाख स्क्वायर फीट के रेडी टू मूव प्लॉट्स निवेश के लिए उपलब्ध हैं. कलेक्टर ने वेलनेस क्षेत्र के सभी निवेशकों को उज्जैन में निवेश का न्योता दिया.
पैनल डिस्कशन में लीजर होटल ग्रुप के डायरेक्टर मुकुंद प्रसाद, योग निसर्ग और वैदिक योग स्कूल के संस्थापक स्वामी चैतन्य हरि, एवीएन ग्रुप के एमडी डॉ. रमेश वारियर और अपोलो आयुर्वेद की डॉ. मेघा केएल ने अपने विचार रखे. सभी ने मध्य प्रदेश में स्पिरिचुअल और वेलनेस पर्यटन की व्यापक संभावनाओं को रेखांकित करते हुए निवेशकों को प्रदेश की निवेश-अनुकूल नीतियों का लाभ उठाने का आह्वान किया.
सेशन का संचालन दीपशिखा सिकरवार ने किया. समिट में निवेशकों, टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटरों, होटल व्यवसायियों और अन्य हितधारकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया.