भोपालः माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से कुलाधिसचिव (रैक्टर) लाजपत आहूजा ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा कार्यवाहक कुलपति पी नरहरि को सौंपा. मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनने के बाद से विश्वविद्यालय के किसी बड़े पदाधिकारी का यह दूसरा इस्तीफा है. जबकि खबर है कि सत्ता बदलने के बाद से कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इस्तीफे दिए हैं. इससे पहले माखनलाल विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने ने इस्तीफा दिया था.
लाजपत आहूजा ने कार्यवाहक कुलपति पी नरहरि को बुधवार शाम को इस्तीफा सौंप दिया था. इस्तीफा मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा गया है. विश्वविद्यालय के सूत्रों के मुताबिक मामला मासिक भत्ते से जुड़ा था, जिसे आहूजा ने मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया.
लाजपत आहूजा पेशे से पत्रकार रहे हैं और उन्होंने अपने करिअर की शुरुआत स्वदेश अखबार से की थी. अपने इस्तीफे के विषय में आहूजा कहते हैं, ‘यह अपेक्षित था, इसका मुझे जरा भी क्षोभ नहीं है.’ मैं पिछले 40 साल से जनसंचार के क्षेत्र से जुड़ा हूं, पत्रकारिता, जनसंपर्क और अकादमिक क्षेत्रों में काम करने का संतोष भी है.
लेकिन राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय की मौजूदा स्थिति और सुदूर क्षेत्रों से यहां पढ़ने आए विद्यार्थियों में जिस तरह से नकारात्मक संदेश जा रहा है उसके लिए दुखी हूं.’ प्रदेश में सरकार बदलने के बाद से ही विश्वविद्यालय में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना जताई जा रही थी. पिछले 10 दिनों में मध्य प्रदेश में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है. जगदीश उपासने और लाजपत आहूजा के अलावा महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर के कुलपति प्रो. प्रियव्रत शुक्ल ने भी 9 जनवरी को इस्तीफा दे दिया था.