इंदौर : मध्य प्रदेश के इंदौर में एक नाबालिग समेत दो आदिवासी भाईयों को कथित तौर पर अगवा किया गया और उनकी पिटाई की गई. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी.
पुलिस ने कहा कि यह घटना शुक्रवार देर रात को हुई जब एक नाबालिग और उसके भाई की सड़क पर गार्डों से बहस हो गई. पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी की पहचान सुमित चौधरी के रूप में हुई है जबकि सह आरोपी की पहचान जितेंद्र बघेल और प्रेम शंकर के रूप में हुई है.
इंदौर के डीसीपी आदित्य मिश्रा ने कहा, “7 जुलाई को एक नाबालिग और उसका भाई ट्रेजर फैंटसी एरिया से गुजर रहे थे, तभी वह रोड से फिसल गए. इसके बाद उनका पास में ही तैनात कुछ गार्डों से विवाद हो गया. यह मामला जल्दी ही बढ़ गया क्योंकि गार्डों ने उन्हें अगवा कर लिया और अपने शेड में ले गए, जहां उनकी बेरहमी से पिटाई की.”
उन्होंने कहा, पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी, सुमित चौधरी को हिरासत में लिया गया है जबिक इस अपराध में उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है. डीसीपी मिश्रा ने कहा, “उनके खिलाफ अपहरण करने, जबर्दस्ती बंधक बनाने, शारीरिक और मौखिक प्रताड़ना पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.”
पेशांब कांड मामले में सीएम शिवराज ने दिखाई थी सख्ती
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस दौरान आदिवासियों के साथ हिंसा को लेकर सरकार सख्त है. इससे पहले एमपी में भाजपा नेता के परिवार से जुड़े प्रवेश शुक्ला नाम के शख्स ने एक आदिवासी दशमत के ऊपर पेशाब किया था. इसका वीडियो वायरल हो गया है और शिवराज सरकार ने कड़ी कार्वाई कर प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया और उस पर एनएसए लगाने के साथ उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिया. इसके अलावा सीएम शिवराज ने आदिवासी दशमत के पैर धोए और इस घटना पर पीड़ा जाहिर करते हुए उनसे माफी मांगी.
वहीं, कल दशमत का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उन्होंने प्रवेश शुक्ला को अपने गांव का पंडित बताते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की है. और कहा कि उन्हें अपनी गलती का पछतावा है, उन्होंने माफी मांग ली है और अब उन्हें छोड़ दिया जाना चाहिए.
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