भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की “एक जिला-एक उत्पाद (ODOP)” योजना ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यप्रदेश को राज्य/केंद्र शासित प्रदेश श्रेणी में रजत पुरस्कार से सम्मानित किया.
यह पुरस्कार प्रदेश में ODOP योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग, रोजगार सृजन, और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए दिया गया. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्री और अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी इस मौके पर मौजूद रहे. मध्यप्रदेश की ओर से यह पुरस्कार उद्योग विभाग की उप सचिव रूही खान ने प्राप्त किया.
ODOP योजना के अंतर्गत अब मध्यप्रदेश के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है. कई जिलों में निर्यातकों का मजबूत नेटवर्क तैयार हुआ है. जिन उत्पादों को जीआई टैग मिला है, उनकी वैश्विक मांग में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है.
राज्य के जिन 19 उत्पादों को GI टैग मिला है, उनमें चंदेरी साड़ी, बाग प्रिंट, नागपुरी संतरा, रतलामी सेव, कड़कनाथ मुर्गा, चिनौर चावल, बुटिक प्रिंट, स्टोन क्राफ्ट, लेदर टॉय, बेल मेटल वेयर, महेश्वरी साड़ी, महोबा देशवारी पान, मुरैना गजक, सुंदरजा आम, शरबती गेहूं, गोंड पेंटिंग, रॉट आयरन क्राफ्ट, हैंडमेड कारपेट, वारासिवनी की हैंडलूम साड़ी शामिल हैं. इनमें से 7 उत्पाद ODOP योजना का भी हिस्सा हैं.
प्रदेश के बुरहानपुर के केले, रायसेन का बासमती चावल और बालाघाट का चिनौर चावल जैसे उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना चुके हैं. राज्य सरकार की कोशिश है कि ODOP को एक जनभागीदारी वाला आंदोलन बनाया जाए जिसमें महिला समूह, स्टार्टअप्स, एफपीओ और कारीगर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
प्रशिक्षण, ब्रांडिंग, पैकेजिंग सुधार, डिजिटलीकरण और लॉजिस्टिक सहयोग के जरिए राज्य सरकार निरंतर इन उत्पादों को वैश्विक मंच पर पहुंचा रही है.
ODOP योजना को बढ़ावा देने के लिए सिंगापुर, न्यूयॉर्क, वैंकूवर, मिलान, कुवैत, बहरीन और जापान में ODOP वॉल्स स्थापित की गई हैं। ODOP उत्पाद अब सिंगापुर के मुस्तफा सेंटर और सेंटर पॉइंट मॉल जैसे रिटेल स्टोर्स पर भी उपलब्ध हैं. ODOP पुरस्कारों के लिए 1 अप्रैल से 11 जून 2024 के बीच राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर कुल 641 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से 587 जिलों से, 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से और 23 विदेशी भारतीय मिशनों से प्रविष्टियां आईं.