भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को उस समय बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब गुरुवार रात उनके काफिले की 19 गाड़ियां अचानक बंद हो गईं — क्योंकि उनमें कथित रूप से मिलावटी डीजल डलवाया गया था.
मुख्यमंत्री मोहन यादव शुक्रवार को एक कार्यक्रम के लिए रतलाम जा रहे थे. काफिले की गाड़ियां — ज़्यादातर टोयोटा इनोवा — इंदौर-महू रोड पर दोसिगांव गांव के पास स्थित शक्ति फ्यूलिंग स्टेशन पर रुकीं, जो रतलाम कलेक्टरेट से करीब 10 किलोमीटर दूर है. ये गाड़ियां मुख्यमंत्री के स्टाफ को ले जा रही थीं.
अधिकारियों के अनुसार, जब ड्राइवरों ने डीजल डलवाने के बाद इंजन स्टार्ट किया तो कुछ गाड़ियां वहीं पेट्रोल पंप पर ही बंद हो गईं, जबकि कुछ और गाड़ियां 500 मीटर के अंदर बंद हो गईं.
जिन गाड़ियों में अधिकारी थे, उनके लिए तुरंत प्राइवेट वाहन की व्यवस्था की गई. वहीं खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को जांच के लिए मौके पर भेजा गया.
जिला प्रशासन द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया, “जिले में भारी बारिश के कारण पेट्रोल पंप की डीजल टंकी में पानी चला गया. इसके बाद जो डीजल गाड़ियों में डाला गया उसमें पानी मिला हुआ था, जिससे गाड़ियां अचानक बंद हो गईं.”
अधिकारियों ने पेट्रोल पंप पर डीजल की डेंसिटी की जांच की. पेट्रोल के करीब 5,995 लीटर और डीजल के 10,675 लीटर को सील कर दिया गया है. रतलाम में मौजूद भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के डिपो से अधिकारी मौके पर पहुंचे और पेट्रोल पंप से डीजल के तीन सैंपल लिए. फिलहाल पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है और सैंपल की जांच रिपोर्ट का इंतजार है.
पेट्रोल पंप की मालिक शांति बुंदेला और उनके पति हेमराज बुंदेला, जो इंदौर के निवासी हैं, के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 और 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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