नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट मामले के मुख्य आरोपी को उस समय गिरफ्तार किया जब वह मलेशिया के कुआलालंपुर से नई दिल्ली पहुंचा. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
आरोपी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी सिंह को राजधानी में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा (आईजीआई) से गिरफ्तार किया गया.
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि अमृतसर के रहने वाले हैप्पी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था और उसके ऊपर 10 लाख रुपये का ईनाम भी था.
पंजाब के लुधियाना जिले में पिछले साल 23 दिसंबर को जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर के वाशरूम में एक ‘हाई-ग्रेड’ धमाका हुआ था. इस विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और तीन अन्य लोग घायल हो गए थे.
सूत्रों ने कहा, जांच के दौरान, जांचकर्ताओं को ड्रोन के जरिए सीमा पार से विस्फोट में इस्तेमाल किए गए इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की तस्करी में हैप्पी की संलिप्तता के बारे में जानकारी मिली थी.
सूत्रों के मुताबिक, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के गुर्गों की मदद से डिवाइस को पाकिस्तान से तस्करी कर लाया गया था. इसके बाद, आरोपी को मामले में ‘वांछित’ के रूप में नामित किया गया था.
एक सूत्र ने बताया, ‘इसके अलावा, यह भी पाया गया कि वह खालिस्तान समर्थक संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) से जुड़ा हुआ है और भारत में आतंकवादी हमलों की योजना बना रहा था.’
इस साल सितंबर में जारी लुकआउट नोटिस के अनुसार, जांच एजेंसी ने फरार आरोपी के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले व्यक्ति को 10 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की थी.
‘सीमा पार से आईईडी की डिलीवरी’
इस घटना के संबंध में एक मामला शुरू में 23 दिसंबर को लुधियाना की अदालत में दर्ज किया गया था और बाद में 13 जनवरी को एनआईए ने इसे अपने हाथ में ले लिया था.
एनआईए के अधिकारियों के अनुसार, हैप्पी लखबीर सिंह रोड का सहयोगी था, जो पाकिस्तान स्थित आईएसवाईएफ का स्वयंभू प्रमुख और विस्फोट के साजिशकर्ताओं में से एक था.
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, ‘रोड के निर्देश पर काम करते हुए, उसने कस्टम-मेड आईईडी की डिलीवरी का इंतजाम किया, जिसे पाकिस्तान से अपने भारत स्थित सहयोगियों को भेजा गया, जिसका इस्तेमाल लुधियाना कोर्ट परिसर में बम धमाके के लिए किया गया था.’
अधिकारी ने कहा, ‘गिरफ्तार आरोपी विस्फोटकों, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी सहित विभिन्न मामलों में शामिल था और वांछित था.’
(अनुवाद: फाल्गुनी शर्मा)
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