लखनऊ: अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में भीड़ न जुटे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके इसे लेकर प्रशासन और राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई प्रमुख हस्तियों के शिरकत करने की उम्मीद है.
अयोध्या के रहने वाले स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए लगभग हर गली के बाहर लाउडस्पीकर और चौराहों पर एलईडी लगाए जाएंगे और कार्यक्रम में लोगों की ‘लिमिटेड एंट्री’ का भी ध्यान रखा जाएगा.
लाउडस्पीकर लगाने का काम देख रहे अयोध्या के अजय सिंह बताते हैं कि 8 से 9 किमी. की रेंज तक लाउडस्पीकर लगाने के निर्देश उन्हें मिले हैं. उन्होंने कहा कि नया घाट, अशरफी भवन, पोस्ट ऑफिस, मणिराम दास जी की छावनी जैसे इलाकों में अधिक लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे.
इसके अलावा कई चौराहों पर एलईडी स्क्रीन के जरिए भी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा.
ट्रस्ट से जुड़े एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि मीडिया में भले ही 268 लोगों की गेस्ट लिस्ट चल रही हो लेकिन मौजदूगी 200 से कम ही लोगों की होगी. इसमें पीएम मोदी, सीएम योगी, भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं व ट्रस्ट के सदस्यों के अलावा कुछ स्थानीय संत होंगे.
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चारों ओर वाॅल पेंटिंग, यलो थीम पर हो रहा पेंट
अयोध्या में साकेत विश्वविद्यालय से लेकर हनुमान गढ़ी तक यलो थीम (पीले रंग) पर पेंट किया जा रहा है. साथ हीं इस क्षेत्र में राम, लक्ष्मण की वाॅल पेंटिंग्स भी तैयार की जा रही हैं.
अयोध्या के अवध विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट विभाग और फैशन डिजाइनिंग विभाग के स्टूडेंट्स द्वारा अयोध्या में कई जगहों पर रंगोली बनाई जा रही है. इसे थ्री-डी स्टाइल में तैयार किया जा रहा है.
साकेत यूनिवर्सिटी के कुलपति मनोज दीक्षित ने बताया, ‘रंगोली की खासियत ये है कि इनमें रंगों के बजाए फूलों का अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा सरयू घाट पर लाइटिंग की भी पूरी तैयारी है.’
विश्व हिंदू परिषद से जुड़े प्रकाश शर्मा बताते हैं कि इस अयोजन की भव्यता को ‘सिंपलिसिटी’ से दर्शाया जाएगा. बहुत ताम-झाम के बजाए साधारण तरीके से इसका आयोजन किया जा रहा है.
उनका कहना है कि वीएचपी कार्यकर्ता भी वाॅलंटियर्स के तौर पर कार्यक्रम को बेहतर तरीके से और सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए आयोजित करवाने के प्रयास कर रहे हैं.
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‘बरसों की तमन्ना पूरी होने जा रही है’
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दिप्रिंट को बताया कि कोरोना गाइडलाइंस का कार्यक्रम के दौरान पूरा ख्याल रखा जाएगा और सिर्फ वही लोग कैंपस के अंदर होंगे जिन्हें निमंत्रण होगा. उनका कहना है कि ये संख्या भी अभी तय नहीं की गई है.
उन्होंने कहा, ‘हमारी बरसों की तमन्ना पूरी होने जा रही है.’
वो कहते हैं, ‘पिछले कई दिनों से मीडिया-सोशल मीडिया पर तमाम फेक न्यूज़ चल रही हैं. उदाहरण के तौर पर मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल (जिसमें मंदिर का इतिहास हो) रखने की बात कही गई जो कि सरासर गलत है. अभी ऐसा कोई प्लान नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘सोने-चांदी की ईंटों से जुड़ी भी खबरें आईं जो कि पूरी तरह से भ्रामक हैं. वहीं गेस्ट के तौर पर तमाम कॉरपोरेट्स और बड़ी हस्तियों के नाम चलाए जा रहे हैं. ऐसा कुछ फिलहाल तय नहीं हुआ है.’
चंपत राय के मुताबिक, ‘हम बाहर के लोगों से यही अपील कर रहे हैं कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए अयोध्या में फिलहाल भीड़ न बढ़ाएं. अपने-अपने घरों से कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखें, घरों को सजाएं और शाम को दीये जलाएं.’
सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा
अयोजन का कार्य देख रहे ट्रस्ट से जुड़े उक्त सूत्र ने ये भी बताया कि भूमि पूजन के दौरान डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसकी पूरी तैयारी है. देशभर की नज़र इस कार्यक्रम पर है तो हम ऐसा कुछ नहीं होने देंगे जिससे आयोजकों पर विरोधी लापरवाही का आरोप लगा सकें.
उन्होंने कहा कि पूजन के वक्त मुख्य तौर पर ट्रस्ट के सदस्यों के साथ पीएम मोदी और सीएम योगी ही होंगे. इनके अलावा बाकी निमंत्रित लोगों को दूर ही रखा जाएगा.
बीते गुरुवार राम जन्मभूमि के पुजारी प्रदीप दास व 14 सुरक्षाबल के कोरोना पाॅजिटिव निकलने से आयोजक थोड़ा चिंता में जरूर है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि कार्यक्रम बेहतर तरीके से निपटेगा.
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास कहते हैं कि मंदिर से जुड़े सभी लोगों की टेस्टिंग कराई जा रही है. उन्होंने खुद भी कोविड टेस्ट कराया जो कि निगेटिव आया. इसके अलावा परिसर को सैनेटाइज़ भी कराया गया है.
सत्येंद्र दास के मुताबिक, भूमि पूजन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
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इकबाल अंसारी को नहीं मिला निमंत्रण
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने दिप्रिंट से बातचीत में इस बात की पुष्टी की है कि उन्हें फिलहाल भूमि पूजन में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला है. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर उन्हें निमंत्रण मिलेगा तो वह जरूर इसमें शामिल होंगे.
उनका कहना है कि कोरोना गाइडलाइंस का ध्यान रखते हुए यहां होने वाले सभी कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.
उनके मुताबिक, ‘जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला है उसका पूरा सम्मान है. वह बस यही चाहते हैं कि सब अमन-चैन से रहें. मंदिर बनने के बाद यहां का पर्यटन बढ़े, लोगों को रोजगार मिले और व्यापार में लाभ हो, उनकी यही दुआ है.’