उत्तर प्रदेश के बघई गांव में सोमवार को रेगिस्तानी टिड्डों का झुंड देखा गया। रेगिस्तानी टिड्डे सबसे विनाशकारी प्रवासी कीटों में से हैं क्योंकि यह अपने शरीर के वजन के बराबर पौधों को खा सकते हैं | प्रवीण जैन, दिप्रिंट
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बघई, फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश में फिरोज़ाबाद जिले के बघई गांव में सोमवार को रेगिस्तान के टिड्डों का झुंड छा गया. गांव के लोग अपने खेतों में भागे और अपनी फसलों पर बैठे टिड्डियों को डराने के लिए बर्तन पीटने लगे.
इस साल के शुरू में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने पूर्वी अफ्रीका, ईरान, पाकिस्तान और भारत में टिड्डों के बड़े हमले की चेतावनी के बाद से उत्तर भारत का अधिकांश भाग अलर्ट पर है.
अपनी गति और इसे बढ़ाने की क्षमता के कारण रेगिस्तानी टिड्डे को सबसे अधिक विनाशकारी प्रवासी कीटों में से जाना जाता है, ये टिड्डियां दिन में लगभग 150 किमी तक उड़ सकती हैं और आमतौर पर अपने शरीर के वजन जितना पौधों को खाती हैं.
दिप्रिंट के नेशनल फोटो एडिटर प्रवीण जैन आपके लिए बघई में टिड्डी आक्रमण और इनसे निपटते स्थानीय लोगों की झलक दिखा रहे हैं.
बघई गांव में छोटे बच्चे आकाश में टिड्डियों के झुंड को देखते हुए बर्तन बजाते खेतों में पहुंचे ताकि टिड्डे उनकी फसल न खा पाएं. ऐसा माना जाता है कि शोर कीटों को डराता है | प्रवीण जैन, दिप्रिंटबघई गांव में एक लड़की अपने सिर के ऊपर से उड़कर जाते हुए टिड्डों को अचंभे के साथ देखती हुई. झुंड इतनी बड़ी तादाद में आया कि आसमान को चकाचौंंध कर दिया | प्रवीण जैन, दिप्रिंटफिरोज़ाबाद जिले के बघई गांव के लड़के और युवक अपने खेत से टिड्डियों को भगाने की कोशिश करते हुए | प्रवीण जैन, दिप्रिंटबघई गांव में खेतों पर छाए हुए टिड्डों को देखते हुए बच्चे और उनमें से एक बच्चा पत्थर मारते हुए | प्रवीण जैन, दिप्रिंटलोग बघई में मंदिर के बगल में खड़े होकर अपने ऊपर टिड्डियों से धब्बे से दिख रहे आकाश तले बर्तनों बजाते हुए हैं | प्रवीण जैन, दिप्रिंटकिसान टिड्डे उनकी फसल न खा जाएं इसको लेकर चिंतित हैं क्योंकि यह पूरे मौसम की कड़ी मेहनत को नष्ट कर देगा, जो पहले से ही चल रहे कठिन समय की वजह से परेशानियों को बढ़ाने वाला है। प्रवीण जैन, दिप्रिंटघरों और खेतों के ऊपर टिड्डों के झुंडों को देखने के लिए बघई गांव में हर कोई अपने घरों से बाहर निकल आया. उनके साथ छोटे बच्चे भी घर से बाहर आकर कीटों को भगाने के लिए बर्तन पीटने लगे | प्रवीण जैन, दिप्रिंटअपनी मां के साथ छोटे बच्चे अपने घरों के बाहर खड़े, लगभग हर बच्चे को बर्तन और चम्मच से लैस देखा जा सकता था, जो शोर मचाने के लिए तैयार दिखे। प्रवीण जैन, दिप्रिंटकई बच्चों के लिए, सारी घटना कुछ नई थी, क्योंकि इस आकार में टिड्डों का बड़ा आक्रमण भारत में दशकों में नहीं देखा गया है | प्रवीण जैन, दिप्रिंट
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