नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों को पूरी सहायता उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध है. देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में मजदूरों और कामगारों का एक पलायन हो रहा है.
अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज सभी राज्यों को कोविड-19 के मद्देनजर एसडीआरएफ के फंड आवंटन का उपयोग करते हुए सभी बेघर, प्रवासी मज़दूरों और लॉकडाउन के कारण राहत शिविरों में रुके लोगों को अस्थायी आवास, भोजन, कपड़े, चिकित्सा देखभाल आदि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष के गठन की घोषणा की जहां लोग कोरोनावायरस के खिलाफ सरकार की लड़ाई में मदद एवं योगदान दे सकते हैं.
मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष स्वस्थ भारत बनाने में काफी सहायक होगा.’ उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 के खिलाफ भारत के युद्ध में सभी वर्गों से लोगों ने दान देने की इच्छा व्यक्त की थी.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोष का गठन इसी भावना को ध्यान मे रखते हुए किया गया है.
PM-CARES फंड माइक्रो डोनेशन को भी स्वीकार करता है। यह आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करेगा, साथ ही नागरिकों की सुरक्षा पर रिसर्च को प्रोत्साहित करेगा।
आइए, अपनी भावी पीढ़ियों के लिए हम भारत को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में कोई कसर न छोड़ें। pic.twitter.com/CdtKOSCcKs
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2020
केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों से दिल्ली नहीं छोड़ने की अपील की
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रवासी श्रमिकों से, कोरोनावायरस का प्रसार रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के चलते दिल्ली नहीं छोड़ने की अपील की और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके लिए भोजन और रहने का इंतजाम कर रही है.
उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आप सरकार के मंत्री और विधायक विभिन्न क्षेत्रों में जा रहे हैं और प्रवासी मजदूरों से अपने गृह राज्य नहीं जाने की अपील कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जो प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने गृह राज्यों के लिए रवाना हो रहे हैं उनके ठहरने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में भोजन और पानी की सुविधा के साथ आश्रयगृह स्थापित किये गये हैं. उन्होंने कहा कि वे चिंतिंत हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि लॉकडाउन लंबा खिंचेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में 800 केंद्र गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त भेाजन दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि शहर में उचित दर की 1000 दुकानें प्रति व्यक्ति साढ़े सात किलोग्राम मुफ्त राशन वितरित कर रही हैं और करीब 71 लाख लोगों को मुफ्त राशन मिलेगा.
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने सरकार से लोगों की आवाजाही रोकने को कहा
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को सरकारी तंत्र को निर्देशित किया कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य हिस्सों से प्रदेश में आने वालों और प्रदेश से बाहर जाने वालों को रोकें.
उन्होंने राज्य में छह मंडलायुक्तों– नागपुर, अमरावती, नासिक, पुणे, कोंकण और औरंगाबाद- से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की और कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव का जायजा लिया.
राजभवन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि बंद के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के महाराष्ट्र छोड़कर अपने मूल स्थान पलायन करने के मामलों पर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल ने मंडलायुक्तों को निर्देश दिया कि वे जिला कलेक्टरों से कहें कि लोगों को राज्य से बाहर जाने से रोकें और उन्हें वहीं रहने के लिए कहें जहां वे हैं.
उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में अधिकारी लोगों से अनुरोध करें कि वे अभी जहां हैं, वहीं रहें.
कोश्यारी ने अधिकारियों को बताया कि लोगों को यह जानकारी दें कि सरकार और गैर सरकारी संगठनों द्वारा उन्हें ठहराने और उनके खाने-पीने के लिये क्या कदम उठाए जा रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)