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Tuesday, 7 May, 2024
होमखेलदर्शकों की मांग पर ‘सिक्सर’ मारने वाले दिग्गज क्रिकेटर सलीम अज़ीज़ दुर्रानी ने दुनिया को कहा अलविदा

दर्शकों की मांग पर ‘सिक्सर’ मारने वाले दिग्गज क्रिकेटर सलीम अज़ीज़ दुर्रानी ने दुनिया को कहा अलविदा

काबुल में जन्मे सलीम दुर्रानी ने अभिनेत्री परवीन बाबी के साथ बीआर इशारा की फिल्म चरित्र से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. उन्हें प्रिंस के नाम से भी जाना जाता था.

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नई दिल्ली: 1960 के दशक के दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सलीम अज़ीज़ दुर्रानी का रविवार को निधन हो गया. उनके परिवार के निकट सूत्रों ने उनकी निधन की सूचना की पुष्टि की. दुर्रानी न केवल अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे, बल्कि वे बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ भी थे.

काबुल में जन्मे सलीम दुर्रानी ने भारत के लिए 1 जनवरी, 1960 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रेबोर्न स्टेडियम में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला टेस्ट मैच खेला था. सलीम अपने अंदाज, शख्सियत और दर्शकों की मांग पर छक्के लगाने के हुनर के कारण भारतीय क्रिकेट के शहजादे सलीम के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे.

88-वर्षीय दुर्रानी ने रविवार को आखिरी सांस ली और उनके साथ ही मानों एक युग का अंत हो गया. उन्होंने अपने करियर में 29 टेस्ट मैच खेले. 1961-62 में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की 2-0 से जीत में दुर्रानी ने अहम भूमिका निभाई थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिकेटर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपने आप में एक संस्थान थे और विश्व क्रिकेट में भारत के उत्थान में उनका अहम योगदान रहा है.

मोदी ने ट्वीट किया ,‘‘सलीम दुर्रानी जी महान क्रिकेटर थे और अपने आप में एक संस्थान थे. उन्होंने विश्व क्रिकेट में भारत के उत्थान में अहम योगदान दिया. मैदान के भीतर और बाहर वह अपनी शैली के लिए जाने जाते थे. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और मित्रों को सांत्वना. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.’’

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सलीम अपने छोटे भाई जहांगीर दुर्रानी के साथ गुजरात के जामनगर में रह रहे थे. उनका इस साल जनवरी में जांघ की हड्डी टूट जाने के बाद ऑपरेशन हुआ था.

गुजरात के साथ दुर्रानी के करीबी और मजबूत संबंधों का ज़िक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने कई साल गुजरात और सौराष्ट्र के लिये खेला और प्रदेश में अपना घर भी बनाया.

उन्होंने कहा,‘‘मुझे उनसे बात करने का मौका मिला और मैं उनकी बहुमुखी प्रतिभा से काफी प्रभावित रहा. उनकी कमी निश्चित तौर पर खलेगी.’’

सलीम दुर्रानी ने परवीन बाबी के साथ बीआर इशारा की फिल्म चरित्र से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. उन्हें प्रिंस के नाम से भी जाना जाता था.

‘नो सलीम, नो टेस्ट’

हर दिल अजीज दुर्रानी के दबदबे का आकलन 1960 से 1973 के बीच खेले गए 29 टेस्ट से नहीं हो सकता और ना ही 1200 रन या 75 विकेट से जो उन्होंने लिए. कैरियर में एकमात्र शतक, तीन बार पारी के पांच विकेट और 25 का औसत पूरी दास्तान नहीं कह सकता है.

60 और 70 के दशक में भारतीय क्रिकेट की शैशवस्था के साक्षी रहे हर क्रिकेटप्रेमी को याद होगा कि कैसे मैदान में दर्शक दुर्रानी से छक्के की मांग करते थे और वह कभी उनका दिल नहीं तोड़ते थे.

ईडन गार्डंस पर तकरीबन एक लाख दर्शक पूरा गला फाड़कर एक साथ ‘सिक्सर सिक्सर’ चिल्लाते थे और यह महान खिलाड़ी अगली गेंद को लांग आन या डीप मिडविकेट सीमारेखा के पास भेज देता था.

सुनील गावस्कर ने एक बार कहा भी था कि अगर सलीम दुर्रानी आत्मकथा लिखेंगे तो उसका शीर्षक होगा ,‘आस्क फोर अ सिक्स’.

अपने अंदाज और दिल जीतने के फन के कारण वह वाकई शहजादे सलीम थे. उस समय टेस्ट मैच खेलने पर 300 रुपये मिलते थे, लेकिन दुर्रानी सिर्फ दर्शकों के मनोरंजन और खेल से मुहब्बत के लिए खेलते थे.

वेस्टइंडीज के 1971 के दौरे पर अपनी पदार्पण सीरीज़ में 774 रन बनाकर गावस्कर ने भारतीय टीम को कैरेबियाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज़ में पहली जीत दिलाई, लेकिन पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट में अगर दुर्रानी एक ही स्पैल में क्लाइव लॉयड और गैरी सोबर्स का विकेट नहीं लेते तो यह संभव नहीं होता.

उसके बाद इंग्लैंड दौरे पर उन्हें टीम में जगह नहीं मिली क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर हावी मुंबई गुट को लगा कि वह इंग्लैंड के हालात में खेल नहीं सकेंगे. उन्हें आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड दौरै के लिए नहीं चुना जाना समझ से परे है.

इंग्लैंड के खिलाफ ईडन गार्डंस पर अर्धशतक जमाने के बाद कानपुर टेस्ट में उन्हें नहीं चुना गया. इसका असर ऐसा था कि लोगों ने पोस्टर दिखा दिए, ‘नो सलीम, नो टेस्ट’.

खेलमंत्री अनुराग ठाकुर, बीसीसीआई सचिव जय शाह समेत अन्य पूर्व क्रिकेटरों ने दुर्रानी के निधन पर शोक जताया.

ठाकुर ने कहा, ‘‘सलीम दुर्रानी जी के निधन से दुखी हूं. वह भारत में कई पीढ़ियों के क्रिकेटरों के लिए प्रेरणास्रोत रहे. उनका हुनर और प्रतिभा हमेशा हमें प्रेरित करती रहेंगी.’’

सचिव जय शाह ने कहा ,‘‘टीम इंडिया के लीजैंड में से एक सलीम दुर्रानी के निधन से दुखी हूं. हमने आज भारतीय क्रिकेटर का एक नगीना खो दिया.’’

सचिन तेंदुलकर ने लिखा, ‘‘सलीम दुर्रानी जी के निधन से व्यथित हूं. बहुत ही जिंदादिल और प्यार करने वाले इंसान थे. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.’’

भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री बोले– ‘‘भारत के सबसे रंग बिरंगे क्रिकेटरों में से एक थे सलीम दुर्रानी.’’

भारत के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने लिखा, ‘‘भारत के पहले अर्जुन पुरस्कार प्राप्त क्रिकेटर और जनता की मांग पर छक्के लगाने वाले बल्लेबाज सलीम दुर्रानी.’’

पूर्व क्रिकेटर मोहम्मज अज़रूद्दीन ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत दुखद दिन. एक महान दिग्गज सलीम दुर्रानी सर का निधन हो गया. बचपन में मैंने उन्हें हैदराबाद में खेलते हुए देखा था. उनकी आत्मा को शांति मिलें.’’

अफगानिस्तान टीम ने 2018 में जब बेंगलुरू में पहला टेस्ट खेला तो अफगान मूल के पठान दुर्रानी को भारतीय बोर्ड ने सम्मानित किया. अपने बिंदासपन, बेतकल्लुफी और जिंदादिली के लिए लोकप्रिय रहे दुर्रानी को खुद इसका अहसास नहीं था कि वह कितने बड़े खिलाड़ी हैं और यही खासियत उन्हें महान बनाती है.


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