नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय के उपसचिव लव अग्रवाल ने आंकड़ों के सहारे ये बताने की कोशिश की कि भारत कोविड-19 से अन्य बेहद प्रभावित देशों की तुलना में काफ़ी बेहतर कर रहा है.
तकरीबन एक हफ्ते से अधिक समय के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड से जुड़ी जानकारी देने के लिए मीडिया से सीधी बातचीत की है.
लव अग्रवाल ने देश के रिवकरी रेट और अन्य देशों की तुलना में भारत में इंफेक्शन और मोरटैलिटी रेट की दर जैसे आंकड़ों को पेश किया. उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां पूरी दुनिया में 1 लाख़ की आबादी पर 61 केस है. वहीं, दूसरी तरफ़ भारत में ये दर 7.9 की है. उन्होंने ये भी बताया कि दुनिया में कोविड से मौत का दर 4.2 और भारत में 0.2 है.
अग्रवाल ने कहा, ‘कोविड से 15 सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों के मामले में भारत बहुत बेहतर कर रहा है. 15 में से 6 देशों में 10,000 से ज़्यादा लोग मरे हैं. भारत में मरने वालों की संख्या 3,303 है. इन 15 देशों की आबादी 142.6 करोड़ हैं, हमारी आबादी 137 करोड़. ऐसे में उनकी तुलना में हमारे यहां इंफेक्शन और मौत दोनों काफ़ी कम हैं.’
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बेहतर हुई रिकवरी रेट के लिए उन्होंने लगातार बढ़ाई गए लॉकडाउन को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि अभी रिकवरी रेट 40 प्रतिशत है और 42,000 से ऊपर लोग ठीक हो गए हैं. उन्होंने कहा, ’61 हज़ार एक्टिव मामले हैं लेकिन इनमें से महज़ 2.94 प्रतिशत को ऑक्सीजन सपोर्ट, 3 प्रतिशत को आईसीयू और 0.45 प्रतिशत को वेंटिलेटर की दरकार है.’
मेडिकल व्यवस्था में हुए सुधार का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में 1.5 लाख़ कोविड समर्पित बेड मौजूद हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि सकारात्मक आकंड़ों को राहत का विषय नहीं माना जाना चाहिए और जब तक वैक्सीन या ड्रग नहीं आ जाते तब तक रोकथाम और बचाव ही सही रास्ते हैं.
इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने जानकारी दी कि अब तक भारत में कुल 25,26,156 टेस्ट किए जा चुके हैं. पिछले 24 घंटों में 1,07,609 टेस्ट हुए हैं और भारत में अभी 555 कोविड टेस्ट लैब्स हैं. एक सवाल के जवाब में आईसीएमआर के वैज्ञानिक आर गंगाखेड़कर ने कहा कि अभी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के इस्तेमाल को रोकने से जुड़ा कोई फ़ैसला नहीं किया गया है.