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Thursday, 9 May, 2024
होमदेश‘वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो’, RSS पर विवादित टिप्पणी के बाद कुमार विश्वास ने मांगी माफी

‘वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो’, RSS पर विवादित टिप्पणी के बाद कुमार विश्वास ने मांगी माफी

इस बीच उज्जैन में कार्यक्रम के लिए लगाए गए विश्वास के पोस्टर भी फाड़े गए. वहीं, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ने भी कुमार की टिप्पणी की आलोचना की है.

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नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर अपनी कथित विवादास्पद टिप्पणी ‘वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो’ के लिए माफी मांगी और कहा कि उनका इरादा किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का नहीं था.

मध्य प्रदेश के उज्जैन में बुधवार को विक्रमोत्सव के दूसरे दिन कथा करने आए विश्वास ने कहा, ‘‘मैंने बच्चे को अभी कहा था कि सिर्फ बोलने से नहीं होगा बेटा, तुम्हें पढ़ाई करनी होगी, तुम पढ़ाई नहीं करते हो.’’

हालांकि, बयान पर विवाद बढ़ने के बाद आप के पूर्व नेता ने माफी मांगते हुए कहा कि कुछ दोस्तों को वह बात बुरी लगी. ‘‘अगर किसी दोस्त को लगा कि मैंने ऐसी बात कही है तो मैं माफी मांगता हूं.’’

उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘आपकी इस सामान्य बुद्धि में अगर ये प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो उसके लिए मुझे माफ करें.’’

बता दें कि उज्जैन में विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत 21 से 23 फरवरी तक रामकथा का आयोजन किया गया है.

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विश्वास का वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने कहा, ‘‘कथा करने आए हो कथा करो, प्रमाण पत्र मत बांटो श्रीमान.’’

वहीं, टिप्पणी पर विवाद के बाद कुमार विश्वास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बुधवार रात को वे कड़ी सुरक्षा में कथा कार्यक्रम स्थल पहुंचे.

इस बीच उज्जैन में कार्यक्रम के लिए लगाए गए विश्वास के पोस्टर भी फाड़े गए. वहीं, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ने भी कुमार की टिप्पणी की आलोचना की.

विश्वास ने कहा, ‘‘मैंने आयोजकों से कहा कि अगर किसी को आपत्ति है तो मैं कल से नहीं आऊंगा, लेकिन दिल्ली से भोपाल तक लोगों ने कहा कि मैं जरूर आकर अपनी बात रखूं.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘यहां तक कि मेरे 87-वर्षीय पिता भी मुझे कहते रहते हैं कि मैंने ठीक से पढ़ाई नहीं की है, लेकिन यह अच्छा है क्योंकि जब तक वह मुझे बताते रहेंगे, मैं पढ़ता और सीखता रहूंगा.’’

इससे पहले मंगलवार को विश्वास ने उज्जैन में विक्रमोत्सव कार्यक्रम के दौरान एक घटना को याद किया और कहा,‘‘आज से 4-5 साल पहले बजट आने वाला था. मैं अपने घर में स्टूडियो पर खड़ा था. कुछ रिकॉर्डिंग कर रहा था. वहां एक बच्चे ने मोबाइल ऑन कर दिया. वो बच्चा हमारे साथ काम करता है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी काम करता है. वो मुझसे बोला कि बजट आ रहा है, कैसा आना चाहिए. मैंने कहा कि तुमने तो रामराज्य की सरकार बनाई है तो रामराज्य का बजट आना चाहिए. उसने कहा, रामराज्य में कहां बजट होता था.’’

विश्वास ने कहा, ‘‘लड़के ने कहा कि राम राज्य में तो कोई बजट ही नहीं था, जिसके लिए मैंने कहा कि यह तुम्हारी समस्या है. वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस देश में दो ही लोगों का झगड़ा चल रहा है. एक वामपंथी हैं, वो कुपढ़ हैं, उन्होंने पढ़ा सब है, लेकिन सब गलत पढ़ा है. और एक ये वाला है, इन्होंने पढ़ा ही नहीं है. ये सिर्फ बोलते हैं- हमारे वेदों में…देखे नहीं हैं कि कैसे हैं. भाई पढ़ भी लो. तो बोले रामराज्य में किस बात का बजट.’’

आरएसएस पर उनकी टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसकी दक्षिणपंथियों ने कड़ी आलोचना की.


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