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Saturday, 23 November, 2024
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भारत ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव के लिए बिना शर्त काउंसलर एक्सेस देने का फिर किया अनुरोध

इस महीने के शुरू में पाकिस्तान ने भारत को बताया कि कुलभूषण जाधव ने, जिसे फांसी की सज़ा सुनाई जा चुकी है. अपनी सज़ा पर पुनर्विचार याचिका डालने से मना कर दिया है.   

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि पाकिस्तान के ये कहने के एक हफ्ते बाद कि उनके देश में फांसी की सज़ा काट रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण खरबंदा ने अपनी सज़ाए मौत के खिलाफ पुनर्विचार याचिका डालने से इनकार कर दिया है. भारत ने फिर से ‘बिना शर्त’ काउंसलर एक्सेस का अनुरोध किया है.

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने इस महीने के शुरू में कहा था कि वो जाधव को दूसरी काउंसलर एक्सेस देने के लिए तैयार है. लेकिन नई दिल्ली इस बात पर अड़ी है कि ये एक्सेस, ‘बिना किसी रोक-टोक या प्रतिबंध’ के होगी, पहली काउंसलर एक्सेस की तरह नहीं, जो पिछले साल सितंबर में दी गई थी.

एक रिटायर्ड नौसेना अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की एक फौजी अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई थी. उसके बाद भारत ने मई 2017 में हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा दायर करके जाधव के लिए काउंसलर एक्सेस की मांग की थी.

पिछले साल जुलाई में आए आईसीजे के फैसले ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी और पाकिस्तान से उसे काउंसलर एक्सेस देने को कहा गया.

सूत्रों के अनुसार, आईसीजे के फैसले के आधार पर पाकिस्तान को ‘बिना किसी रोक-टोक या प्रतिबंध’ के काउंसलर एक्सेस देनी होगी. फैसले में जाधव के केस में ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष ट्रायल’ की शर्त लगाई गई थी.

एक सीनियर अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा, ‘हम पिछले एक साल से बार बार बिना रोक-टोक या प्रतिबंध के काउंसलर एक्सेस का अनुरोध करते आ रहे हैं.’

भारत की निगाह 19 जुलाई की डेडलाइन पर

भारत की नज़र अब 19 जुलाई की डेडलाइन पर है, जो जाधव की सज़ाए मौत के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की अंतिम तिथि है. जिसके बाद जाधव को उस दया याचिका पर निर्भर रहना होगा, जो उसने सज़ाए मौत का ऐलान होने के बाद, जून 2017 में पाकिस्तान के सेना प्रमुख क़मर बाजवा के समक्ष दाख़िल की थी.

8 जुलाई को पाकिस्तान के एडीशनल अटॉर्नी जनरल अहमद इरफान ने एक प्रेस कॉनफ्रेंस में ऐलान किया था कि पाकिस्तान ने जाधव के लिए भारत को एक दूसरी काउंसलर एक्सेस दे दी है. मई में पाकिस्तानी अधिकारियों ने जाधव या उसके कानूनी नुमाइंदे या इस्लामाबाद स्थित भारतीय हाई कमीशन को रिव्यू पिटीशन दायर करने की अनुमति दे दी थी, जो आईसीजे फैसले के अनुरूप थी.

लेकिन, नई दिल्ली ने कहा है कि जाधव की ओर से रिव्यू पिटीशन दायर करने के लिए, वो किसी भारतीय वकील की सेवाएं लेगी, जिससे पाकिस्तान ने इनकार कर दिया है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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