कोलकाता: कोलकाता पुलिस विभाग के मुताबिक अब तक इसके 1,500 से अधिक जवान कोविड-19 की जांच में पॉजिटिव पाए जा चुके हैं और संक्रमण के कारण आठ की मौत भी हो चुकी है.
हालांकि आंकड़ों को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि बल के 1,561 कर्मियों को अब तक जांच में पॉजिटिव पाया गया है. 349 कर्मी जहां अस्पताल में भर्ती हैं वहीं 1,204 ठीक हो चुके हैं.
शहर पुलिस की नौ डिवीजन के तहत 40,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं.
पश्चिम बंगाल में 28,474 मामलों के साथ कोलकाता सबसे बड़ा कोविड हॉटस्पॉट है और सोमवार तक यहां 962 लोगों की मौत हो चुकी है.
शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने, रक्तदान अभियान और किराने आदि का सामान की आपूर्ति जैसे कार्यों के जरिये कोविड के खिलाफ जंग में सबसे आगे रहे पुलिस बल को भी इस महामारी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
पुलिस बल में वायरस फैलने से रोकने के लिए कोलकाता पुलिस ने मध्य कोलकाता के लालबाजार स्थित अपने मुख्यालय में एक सेंट्रलाइज कोविड केयर सेंटर शुरू किया है. इसने बल के लिए समर्पित क्वारंटाइन सुविधा के तौर पर पिछले महीने ईडन गार्डन की जगह मांगी थी.
जैसे ही पुलिस बल में संक्रमण ज्यादा फैला, अधिकारियों ने कर्मियों के बीच जागरूकता बढ़ाने और उन्हें लक्षण न छिपाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से परामर्श कार्यक्रम शुरू कर दिया.
कोलकाता के पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा ने दिप्रिंट को बताया, ‘संक्रमण फैलने से रोकने के लिए हरसंभव उपाय किए गए. हमने संक्रमण की जांच के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया कायम की है.’
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पुलिस कमिश्नरेट में संक्रमण
राज्य में पुलिस कमिश्नरेट में संक्रमण की दर भी अधिक है.
कोलकाता पुलिस के अलावा, आसपास के दो और कमिश्नरेट उत्तरी 24 परगना जिले के बैरकपुर और बिधाननगर (सॉल्ट लेक) में भी संक्रमण फैलने की सूचना है.
बैरकपुर कमिश्नरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 142 पुलिस कर्मियों को अब तक कोविड जांच में पॉजिटिव पाया गया है, हालांकि किसी की मौत नहीं हुई है.
कमिश्नरेट के एक अधिकारी ने कहा कि बिधाननगर पुलिस में 141 पॉजिटिव केस पाए गए हैं.
उत्तरी 24 परगना के शहरी क्षेत्र राज्य में बुरी तरह प्रभावित हैं. जिले में सोमवार तक 21,047 मामले और 490 मौतें दर्ज की गईं.
संक्रमण रोकने के लिए कदम उठाए
बल में कोविड के बढ़ने मामलों को लेकर कोलकाता पुलिस ने अपने कर्मियों के लिए खुद का कोविड वेलफेयर सेंटर और एक केंद्रीकृत तंत्र स्थापित किया है.
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न देने की शर्त पर कहा, ‘पुलिसकर्मी घर पर तो नहीं रह सकते, यद्यपि हम दूसरे लोगों को सुरक्षित रहने और घर पर रहने को कह रहे हैं. हमें ड्यूटी पर और मैदान में रहना होगा. पिछले पांच महीनों से हम हॉटस्पॉट्स में जा रहे हैं, कंटेनमेंट जोन की पहचान कर उसकी बैरिकेडिंग कर रहे हैं, संकट में लोगों की सहायता कर रहे हैं, लॉकडाउन के दौरान घरों में खाना और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति की और शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में लगे हैं.’
अधिकारी ने कहा, ‘इस स्थिति में हमारे कुछ सहयोगियों का संक्रमण की चपेट में आना सामान्य बात है. लेकिन हम इससे निपट रहे हैं.’
उल्लेखनीय है कि ठीक होने पर डिस्चार्ज किए गए कई कर्मचारी प्लाज्मा डोनर बन चुके हैं. बल ने रक्तदान शिविरों का भी आयोजन किया क्योंकि शहर के अस्पताल लॉकडाउन के कारण गंभीर रक्त संकट का सामना कर रहे थे.
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अधिकारी ने कहा, ‘मास्क, सैनिटाइजर, एचसीक्यू की गोलियां नियमित रूप से सबके बीच बांटी जा रही हैं. इसके अलावा, कोविड केयर सेंटर क्षेत्र में काम करने वाले हमारे लोगों की स्वास्थ्य स्थिति की नियमित निगरानी करता है. हम उन्हें ट्रैक करते रहते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई बीमार महसूस करता है, तो हम तुरंत उसे आइसोलेट करते हैं और टेस्ट कराते हैं. हमारे अधिकांश पीड़ित कर्मी ठीक हो चुके हैं. यह सबसे अच्छी बात है.’
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