कोलकाता: कोलकाता में बुधवार को भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो लाइन का उद्घाटन हुआ. इसके साथ ही इस शहर ने इतिहास रच दिया है.
कल सुबह 11:55 बजे, मेट्रो रेलवे, कोलकाता के रेक नंबर एमआर-612 ने एस्प्लेनेड से हुगली नदी के नीचे हावड़ा मैदान तक की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की. मेट्रो ने लगभग 520 मीटर की दूरी पानी के भीतर केवल 45 सेकंड में तय किया. अंडरवाटर टनल जिससे ट्रेनें गुजरेंगी, सतह से 32 मीटर गहराई में है.
मेट्रो रेलवे, कोलकाता के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कौशिक मित्रा ने कहा, “मेट्रो रेलवे के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि कई बाधाओं को पार करने के बाद हम हुगली नदी के नीचे रेक चलाने में सफल हुए हैं.” “यह कोलकाता और उपनगरों के लोगों को एक आधुनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है. यह वास्तव में बंगाल के लोगों के लिए भारतीय रेलवे की ओर से नए साल (पोइला बैशाख) का विशेष तोहफा है.
1984 में कोलकाता भारत का पहला शहर बना था जहां मेट्रो रेलवे चली थी लेकिन अब इसने एक और मुकाम हासिल कर लिया है.
एक बार परियोजना पूरी हो जाने के बाद हावड़ा सतह से 32 मीटर नीचे देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा. अगले सात महीनों में यात्री सेवा शुरू होने से पहले ट्रायल रन किए जाएंगे.
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर मार्ग के साथ 12 मेट्रो स्टेशन होंगे- हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन, बीबीडी बाग (महाकरण), एस्प्लेनेड, सियालदह, फूलबगान, साल्ट लेक स्टेडियम, बंगाल केमिकल, सिटी सेंटर, सेंट्रल पार्क, करुणोमयी और साल्ट लेक सेक्टर 5.
गलियारा उपनगरीय कोलकाता को शहर के बाहरी इलाके में स्थित हावड़ा से जोड़ेगा, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा.
मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक पी. उदय कुमार रेड्डी ने बुधवार को इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए रेक संख्या एमआर-612 की यात्रा की. उनके साथ मेट्रो रेलवे के अतिरिक्त महाप्रबंधक और कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) के प्रबंध निदेशक एचएन जायसवाल के साथ-साथ मेट्रो रेलवे और केएमआरसीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे. रेक आने के बाद हावड़ा स्टेशन पर पूजा भी की गई.
(संपादन: कृष्ण मुरारी)
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