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Thursday, 21 November, 2024
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रवीश कुमार समेत इन्हें मिला एशिया का नोबल कहा जाने वाला रेमोन मैग्सेसे अवार्ड

यह पुरस्कार प्रशासनिक सेवा, सार्वजनिक सेवा, सामुदायिक नेतृत्व, पत्रकारिता, साहित्य एवं सृजनात्मक कलाएं, शांति एवं सद्भावना और उभरते हुए नेतृत्व की श्रेणी में दिया जाता है.

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नई दिल्ली : रेमोन मैग्सेसे फाउंडेशन ने एशिया का नोबल पुरस्कार कहे जाने वाले रेमोन मैग्सेसे पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. साल 2019 के लिए यह अवार्ड भारत के पत्रकार रवीश कुमार सहित पांच लोगों को मिला है. यह पुरस्कार प्रशासनिक सेवा, सार्वजनिक सेवा, सामुदायिक नेतृत्व, पत्रकारिता, साहित्य एवं सृजनात्मक कलाएं, शांति एवं सद्भावना और उभरते हुए नेतृत्व की श्रेणी में दिया जाता है. 12 साल बाद किसी भारतीय को ये पुरस्कार मिला है. जानिये कि अन्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले लोग कौन हैं और चयन समिति ने इनके बारे में क्या कहा है.

अंगखाना नीलापाइजित, थाईलैंड

अंगखाना नीलापाइजित थाईलैंड के संघर्ष ग्रस्त इलाके से आती हैं. उनके वकील पति सोम्चाई को 2004 में थाईलैंड में सेना के अत्याचारों के विरुद्ध आवाज़ उठाने पर गायब कर दिया गया था. 2006 में अंगखाना ने नागरिकों के प्रति होती हिंसा और अन्याय से लड़ने के लिए जस्टिस पीस फाउंडेशन की स्थापना की. तब से वे थाईलैंड में मानवाधिकार, न्याय और शांति की बहाली के लिए आवाज़ उठाने वाला एक प्रमुख नाम हैं.

रेमोन मैग्सेसे फाउंडेशन के अनुसार ‘चयन समिति ने उनके अटूट साहस का सम्मान करते हुए दक्षिण थाईलैंड में अपने पति एवं अन्य हिंसा पीड़ितों के लिए न्याय की गुहार लगाते हुए लोगों की आवाज़ बनने के लिए रेमोन मैग्सेसे पुरस्कार प्रदान करती है. वे इस बात का शानदार उदाहरण हैं कि कैसे एक मामूली सा इंसान भी मानवाधिकारों के लिए बड़ी लड़ाई लड़ सकने में सक्षम है’.

रेमुंडो पुजांते, फिलीपिंस

मनीला, फिलीपींस के रेमुंडो पुजांते ने फिलिपिनो संगीत के क्षेत्र में अद्भुत काम किया है. चयन समिति के अनुसार  ‘2019 रेमोन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त करने के लिए रेमुंडो पुजांते केययाब को चुनने में, चयन समिति उनकी रचनाओं और संगीत के प्रति प्रेम को, जिन्होंने पीढ़ियों से फिलिपिनो लोकप्रिय संगीत को परिभाषित और प्रेरित किया है, का सम्मान करती है. साथ ही वैश्विक मंच के लिए युवा फिलिपिनो संगीत प्रतिभा को निस्वार्थ रूप से ढूंढ़ने, निखारने और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य के लिए उनका आत्मविश्वास और उनका यह कहना कि संगीत वास्तव में गर्व और आनंद पैदा कर सकता है, और लोगों को बांटने वाली कई बाधाओं के खिलाफ एकजुट कर सकता है, सराहनीय है.’

किम जोंग की, दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया के किम जोंग की के 16 वर्षीय बेटे ने स्कूल में हुई बुलिंग से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी. ऐसे में उन्होंने किशोरों और युवाओं के प्रति होती हिंसा से लड़ने और लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए उसी साल फाउंडेशन फॉर प्रिवेंटिंग यूथ वोइलेंस (एफपीवायपी) की स्थापना की जो दक्षिण कोरिया का पहला ऐसा संगठन था. चयन समिति के अनुसार ‘अपने व्यक्तिगत दुःख को एक मिशन में परिवर्तित करने के अदम्य साहस का सम्मान करते हुए उन्हें रेमोन मैग्सेसे प्रदान करते हैं. साथ ही युवाओं के बीच प्रेरणा और जीवन लक्ष्य की अलख जगाने के लिए एवं एक हिंसारहित समाज बनाने में अपना योगदान देने के लिए आभारी है.’

को स्वे विन, म्यांमार

म्यांमार के को स्वे विन ‘म्यांमार नाउ’ नामक अखबार चलाते हैं. वे म्यांमार में मानवाधिकार हनन और धर्म आधारित हिंसा के खिलाफ एक प्रमुख आवाज़ हैं. वे अपनी स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं.

चयन समिति का कहना है, ‘को स्वे विन को निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए प्रतिबद्धता, म्यांमार में सामाजिक, न्यायिक और नैतिक पत्रकारिता करते हुए लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए रेमोन मैग्सेसे पुरस्कार प्रदान करते हैं. मीडिया और पत्रकारिता का सच उजागर करने की ताकत के कारण ही मानवाधिकारों की रक्षा हो सकती है, इसमें विश्वास रखने के लिए उनका सम्मान करते हैं.’

रवीश कुमार, भारत

रवीश कुमार टेलीविज़न हिंदी पत्रकारिता का जाना माना नाम हैं. 1996  में अपने पत्रकारिता करिअर की शुरुआत उन्होंने एक फील्ड रिपोर्टर के रूप में की और बाद में एनडीटीवी के प्राइम टाइम के माध्यम से विभिन्न मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं. चयन समिति के अनुसार ‘रवीश कुमार को उनकी पेशेवर नैतिक पत्रकारिता, सच के साथ खड़े होने के उनके साहस और स्वतंत्र रूप से लोगो की आवाज़ बनने के लिए यह पुरस्कार प्रदान करता है. साथ ही उनके इस विश्वास कि सच बोलने वाली पत्रकारिता ही लोकतंत्र को बल प्रदान करती है, का सम्मान करता है.’

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