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Sunday, 23 February, 2025
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KIIT की छात्रा ने ‘आत्महत्या’ से पहले की थी उत्पीड़न की शिकायत, लेकिन PoSH पैनल को जानकारी नहीं

यूनिवर्सिटी का कहना है कि लम्साल की शिकायत की रिपोर्ट नहीं की गई क्योंकि इसे ‘मानसिक उत्पीड़न माना गया, यौन उत्पीड़न नहीं’. छात्रों ने दिप्रिंट को बताया कि उन्हें कैंपस में PoSH प्रावधानों की जानकारी नहीं.

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भुवनेश्वर: 25 जनवरी को प्रकृति लम्साल ने खुद को मुश्किल स्थिति में पाया, जब उन्होंने अपने पूर्व प्रेमी अद्विक श्रीवास्तव के साथ एक ‘अंडरटेकिंग’ पर हस्ताक्षर किए, जो उन्हें परेशान कर रहा था.

लम्साल की दोस्त, जो शिकायत दर्ज कराने के वक्त दोनों बार उनके साथ थीं, उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “25 जनवरी को, हम अद्विक के हाथों प्रकृति को दूसरी बार हो रहे उत्पीड़न के बारे में अंतर्राष्ट्रीय संबंध अधिकारी से शिकायत करने गए, लेकिन आईआरओ ने केवल दोनों से एक अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर करवाए कि वह एक-दूसरे से बात करना बंद कर देंगे और अद्विक को एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया.”

हफ्तों बाद, 16 फरवरी को लम्साल भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी में अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई. आरोप था कि उन्होंने आत्महत्या की.

जब उनकी दोस्त लम्साल के सम्मान में नेपाल में एक कैंडल मार्च में भाग लेने की तैयारी कर रही थीं, तो उन्होंने श्रीवास्तव के हाथों लम्साल को होने वाले शारीरिक, मौखिक और मानसिक दुर्व्यवहार को याद किया.

अक्टूबर से ही लम्साल इस रिश्ते को खत्म करने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन वह उन्हें धमकाता रहा. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहीं उनकी दोस्त ने दिप्रिंट को फोन पर बताया, “वह उन्हें दिन-रात कॉल करता था, यहां तक ​​कि अलग-अलग नंबरों से भी, और धमकी देता था कि अगर उन्होंने रिश्ता खत्म किया तो वह उनकी प्राइवेट फोटो लीक कर देगा.”

उन्होंने कहा कि लम्साल ने कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति से कभी संपर्क नहीं किया, जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम (2013) के तहत ज़रूरी है, न ही उनके प्रोफेसर या अंतर्राष्ट्रीय संबंध अधिकारी ने उन्हें ऐसा करने के लिए मार्गदर्शन दिया. इस तरह का मार्गदर्शन प्रदान करना PoSH दिशानिर्देशों के तहत अनिवार्य है.

KIIT की पीआर निदेशक डॉ. श्रद्धांजलि नायक ने कहा कि लम्साल की शिकायत PoSH समिति को रिपोर्ट नहीं की गई क्योंकि इसे “मानसिक उत्पीड़न माना गया, यौन उत्पीड़न नहीं”. उन्होंने दावा किया कि यूनिवर्सिटी लगातार PoSH के बारे में अवेयरनेस सेशन आयोजित करता है.

नेपाल के एक अन्य स्टूडेंट जो उनके करीबी थे, ने कहा, “आद्विक ने उन्हें कई बार थप्पड़ भी मारे थे. मैंने उन्हें फोन पर कई बार रोते हुए देखा, जबकि आद्विक उन्हें गालियां देता था.प्रकृति सच में काफी परेशान थीं.”

PoSH की समझ

दिप्रिंट ने कॉलेज में आंतरिक शिकायत समिति या PoSH कानून के बारे में उनकी समझ का आकलन करने के लिए अलग-अलग छात्रों से संपर्क किया. ज़्यादातर छात्र इनमें से किसी के बारे में नहीं जानते थे.

लॉ की एक स्टूडेंट ने दिप्रिंट को बताया, “सभी छात्रों को एक मेंटर, एक स्टाफ टीचर दिया जाता है जो यूनिवर्सिटी में रहने के दौरान उनका गाइड होता है. ओरिएंटेशन के दौरान, मेंटर ने हमें बताया कि अगर हम कभी भी यौन उत्पीड़न का सामना करते हैं, तो हमें उनसे संपर्क करना चाहिए, लेकिन इससे ज़्यादा कुछ नहीं.”

बीटेक के अन्य छात्र ने याद किया, “जब उत्पीड़न के मुद्दे उठाए गए, तो मेरे मेंटर ने एक बार एक साथी छात्र को यह कहकर फटकार लगाई, ‘मुझे तुम्हारे खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं’. इससे कोई और नतीजा नहीं निकला.”

दिप्रिंट ने छात्रों से यह भी पूछा कि क्या कैंपस के आसपास आंतरिक शिकायत समिति (ICC) के बारे में कोई पोस्टर या संकेत हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं है. इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि कानून के अनुसार, किसी बाहरी सदस्य द्वारा कोई एनुअल ब्रीफिंग नहीं की गई थी.

केआईआईटी की वेबसाइट के अनुसार, 12 महिला सदस्यों वाली एक सक्रिय पोश समिति है, जिसमें एक बाहरी सदस्य मलाया मोहपात्रा भी शामिल हैं, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. हालांकि, उनकी संपर्क जानकारी सूचीबद्ध नहीं है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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