scorecardresearch
Saturday, 7 September, 2024
होमदेश‘केजरीवाल निर्वाचित नेता हैं’, आबकारी नीति मामले में SC ने दिल्ली के CM को दी अंतरिम ज़मानत

‘केजरीवाल निर्वाचित नेता हैं’, आबकारी नीति मामले में SC ने दिल्ली के CM को दी अंतरिम ज़मानत

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर ईडी की गिरफ्तारी के अधिकार से संबंधित तीन सवाल तय किए हैं और मामले को एक बड़ी बेंच को भेज दिया है.

Text Size:

नई दिल्ली: दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को धनशोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.

ईडी द्वारा दायर आबकारी नीति मामले में अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘केजरीवाल ने 90 दिनों से अधिक समय तक कारावास की सज़ा भुगती है.’’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘केजरीवाल निर्वाचित नेता हैं और यह उन्हें तय करना है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं.’’

पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम ज़मानत दिए जाने के बाद आप ने कहा, ‘‘सत्यमेव जयते’’.

सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर ईडी की गिरफ्तारी के अधिकार से संबंधित तीन सवाल तय किए हैं और मामले को एक बड़ी बेंच को भेज दिया है.

इससे पहले एक निचली अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर मामले में 20 जून को उन्हें ज़मानत दी थी, लेकिन ईडी ने अगले दिन दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था और दलील दी थी कि केजरीवाल को ज़मानत देने का निचली अदालत का आदेश एकतरफा और गलत था.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष दलील दी थी कि वे ईडी की “प्रताड़ना” का शिकार हैं और आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में निचली अदालत द्वारा उन्हें दी गई ज़मानत को रद्द करना “न्याय की गंभीर विफलता” के समान होगा.

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने उच्च न्यायालय से ईडी की याचिका खारिज करने और 25 जून के अंतरिम आदेश को रद्द करने का आग्रह किया, जिसके तहत निचली अदालत के 20 जून के फैसले पर रोक लगा दी गई थी, जिसमें उन्हें जमानत मिली थी.

केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में 26 जून को सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि उन्होंने गोवा के एक आलीशान होटल में ठहरकर दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से प्राप्त कथित 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के एक हिस्से का सीधा इस्तेमाल किया.

केजरीवाल की भूमिका के बारे में, 209 पन्नों के आरोपपत्र में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आम आदमी पार्टी के नेताओं और अन्य के साथ मिलीभगत करते हुए दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य साजिशकर्ता हैं.’’

‘आप’ ने ईडी के आरोपपत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार को कहा कि केंद्र में भाजपा नीत सरकार उसके खिलाफ बड़ी साजिश रच रही है और दिल्ली तथा पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है.

एजेंसी ने दावा किया, ‘‘अरविंद केजरीवाल ने ग्रांड हयात गोवा में अपने ठहरने और कार्यक्रम के लिए चनप्रीत सिंह (मामले में एक अन्य आरोपी) से भुगतान कराकर अपराध से अर्जित इस धन का व्यक्तिगत रूप से सीधा इस्तेमाल किया.’’

एजेंसी ने कहा, ‘‘आप ने 45 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित राशि के खर्च की जानकारी हिसाब में नहीं रखी और इस बारे में भारत निर्वाचन आयोग को नहीं बताया.’’

ईडी ने कहा कि केजरीवाल पीएमएलए की धारा 4 के तहत धनशोधन के अपराध में अपनी भूमिका के लिए दंड पाने के हकदार हैं.

एजेंसी ने कहा कि उसने 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से 11 बार उनका बयान दर्ज किया है. उसने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने हिरासत में पूछताछ के दौरान टालमटोल वाले जवाब दिए और जानकारी छिपाई.


यह भी पढ़ें: अब कोई राहुल को मज़ाक नहीं मानता, जब वे बोलते हैं, तो भाजपा हंसती नहीं बल्कि घबराती है


 

share & View comments