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Friday, 10 May, 2024
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जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या की

अगस्त 2019 से लेकर मार्च 2022 के बीच जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंड़ितों सहित कुल 14 अल्पसंख्यक हिंदुओं की हत्या आतंकवादियों द्वारा की गई है.

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में गुरुवार को एक कश्मीरी पंडित की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

मृतक की पहचान बडगाम जिले के चदूरा में तहसील कार्यालय के कर्मचारी राहुल भट के रूप में हुई है.

गोली लगने के बाद घायल राहुल भट को श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया था जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

जम्मू और कश्मीर पुलिस ने घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया, ‘घायल को तुरंत एसएमएचएस अस्पताल, श्रीनगर में इलाज के लिए लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि 02 आतंकवादी इस जघन्य अपराध में शामिल हैं और इसे अंजाम देने के लिए पिस्टल का इस्तेमाल किया है.’

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इस बीच, घटना के तुरंत बाद हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है.

वहीं, इस घटना की विभिन्न राजनीतिक दलों ने निंदा की है.

उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और कश्मीर की अन्य पार्टियों ने भट की हत्या की निंदा की है.

सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘मैं बडगाम में आतंकवादियों द्वारा राहुल भट की क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करता हूं. जो इस जघन्य आतंकवादी हमले के पीछे हैं उन्हें बिना दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाएगा. जम्मू-कश्मीर सरकार दुख के समय में दिवंगत के परिवार के साथ एकजुट होकर खड़ी है.’

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने ट्वीट किया, ‘हम राहुल भट जी की हत्या की साफ शब्दों में निंदा करते हैं जो बडगाम में राजस्व विभाग के कर्मचारी थे. घाटी के हर कोने में सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद सरकारी कर्मचारी भी सुरक्षित नहीं है. दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थना पीड़ित परिवार के साथ है.’

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘हम स्पष्ट शब्दों में राहुल भट पर हुए प्राणघातक आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं। राहुल सरकारी कर्मचारी थे जो चादूरा के तहसील कार्यालय में कार्यरत थे जहां पर हमला हुआ. लक्षित हमले जारी हैं और भय का महौल कायम है. मैं हृदय से राहुल के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. ‘

उधर, बीजेपी के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने आतंकवादियों द्वारा की गई इस कायराना कार्रवाई की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, ‘हमलावरों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा.’

कांग्रेस ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को समझ लेना चाहिए कि अमानवीय कृत्य कर वे कुछ हासिल नहीं कर सकते.

सज्जाद लोन नीत पीपुल्स कांफ्रेंस ने भी घटना की निंदा की है.

गौरतलब है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद-370 को निष्क्रिय किए जाने के बाद से कश्मीर में गैर मुस्लिमों और बाहर से आए लोगों पर हमले बढ़े हैं. अगस्त 2019 से लेकर मार्च 2022 के बीच जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंड़ितों सहित कुल 14 अल्पसंख्यक हिंदुओं की हत्या आतंकवादियों द्वारा की गई है.

आतंकवादियों द्वारा जिन लोगों को निशाना बनाया गया है उनमें कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के प्रमुख कारोबारी, सरपंच और ब्लॉक विकास परिषद के सदस्य शामिल हैं.


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