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Saturday, 23 November, 2024
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करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री मोदी, हरसिमरत कौर बादल ने किया ट्वीट

गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व (12 नवंबर) से पहले यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. पाकिस्तान ने कहा है कि 9 नवंबर से सिख श्रद्धालु करतारपुर साहिब जा सकेंगे.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ नवंबर को बहुप्रतीक्षित करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. यह जानकारी केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने ट्वीट करके दी है. लंबे समय से पाकिस्तान और भारत के बीच इस कॉरीडोर की शुरुआत और सिख श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने को लेकर विवाद चल रहा है. बीते गुरुवार को भी कहा गया था कि इसे खोले जाने को लेकर अभी तारीख निश्चित नहीं की गई है.

हालांकि पाकिस्तान ने कहा था कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व (12 नवंबर) से पहले यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. पाकिस्तान ने कहा है कि 9 नवंबर से सिख श्रद्धालु करतारपुर साहिब जा सकेंगे. यह कॉरिडोर करतारपुर में दरबार साहिब को गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक को जोड़ेगा. भारतीय तीर्थयात्री केवल एक परमिट लेकर करतारपुर साहिब जा सकेंगे. 1522 में गुरु नानक देव जी ने इसकी स्थापना की थी.

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट में लिखा है कि पीएम मोदी 8 नवंबर को कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं और इसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

हरसिमरत ने अपने ट्वीट में लिखा है सिख पंथ अरदास ‘खुले दर्शन दीदार’, अब सच्चाई में तब्दील होने जा रहा है. आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतिहास लिखने जा रहे हैं. वह करतार पुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. अपने ट्वीट में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए बादल ने लिखा है कि 72 साल पहले तो कांग्रेस ने गलती की थी उसे मोदी जी ठीक करने जा रहे हैं.

गौरतलब है कि सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर साहिब के दर्शनार्थ आने-जाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इसकी घोषणा भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने की है. यह कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर और भारत के गुरदासपुर के मान गांव को जोड़ेगा.

करतारपुर सिखों के पहले गुरु श्री गुरुनानक देव जी की कर्मस्थली है. यहीं श्री नानक देव जी ने आखिरी सांस ली थी. भारत में इसका उद्घाटन 26 नवम्बर को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने किया था. भारत की ओर से इस कॉरिडोर को बनाने की घोषणा 22 नवम्बर को की गई थी.

पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन 28 नवंबर को हुआ था. प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसकी आधारशिला रखी थी. आगामी 9 नवंबर को इसे लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. इस समय दोनों देशों की तरफ से निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

पहले जत्थे में शामिल होंगे मनमोहन सिंह 

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करतारपुर जाने वाले पहले सर्वदलीय जत्थे में शामिल होंगे. अमरिंदर सरकार ने इसकी पुष्टि बीते 3 अक्टूबर को एक कार्यक्रम में की थी. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी को आमंत्रित किया था. पीएम मोदी के अलावा प्रकाश पर्व के मौके पर राष्ट्रपति कोविंद भी पहुंच सकते हैं.

पिछले दिनों पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के लिए पाक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी निमंत्रण देगा. हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मनमोहन सिंह के आमंत्रण स्वीकार करने की संभावनाओं को खारिज कर दिया था.

ऐतिहासिक गुरुद्वारे में मुख्यमंत्री के साथ जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में पंजाब के सभी 117 विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सांसद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य, साथ ही संत समाज के सदस्य और राज्य में मान्यता प्राप्त प्रत्येक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

पासपोर्ट होगा जरूरी

पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के पास पासपोर्ट होना जरूरी है, जहां गुरु नानक देव ने अंतिम सांस ली थी. हालांकि, वीजा की आवश्यकता नहीं होगी. लेकिन आगंतुकों को उन्हें अपनी यात्रा से कम से कम एक महीने पहले ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा.

केंद्र के अधिकारियों की एक टीम के साथ करतारपुर गलियारा परियोजना की प्रगति का आकलन करने के लिए मंगलवार (2 अक्टूबर) को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई थी.

करतारपुर कॉरिडोर से गुजरने वाले प्रत्येक भारतीय श्रद्धालु से पाकिस्तान द्वारा 20 डॉलर का सेवा शुल्क लिया जाएगा.

पिछले दिनों हुई बैठक में मौजूद राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया था कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुझाव दिया कि पहचान के लिए पासपोर्ट की जगह आधार जैसे किसी अन्य सरकारी दस्तावेज का जरूर इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी से कहा कि वे श्रद्धालुओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर पासपोर्ट सेवा देने के लिए एक फास्ट-ट्रैक और सुलभ तंत्र सुनिश्चित करें.

उन्होंने विदेश मंत्रालय से श्रद्धालुओं की मदद के लिए तुरंत राज्य भर में पासपोर्ट शिविर लगाने को भी कहा था.

पंजाब के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मीडिया को बताया था कि ऐसे लोगों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है, जिनके पास पासपोर्ट नहीं है.

वे सुविधा केंद्रों या डाकघरों में 1,500 रुपये का शुल्क देकर पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं और पूरी प्रक्रिया एक-दो दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी, जिसके बाद उन्हें अपने पासपोर्ट मिल जाएंगे.

इसके बाद, प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालु गुरुद्वारे में मत्था टेक सकेंगे. 4.2 किलोमीटर लंबे गलियारे का निर्माण 31 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है. गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है. यह पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक नगर के पास है.

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