नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को करतारपुर कॉरिडोर की एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) का उद्घाटन किया जो भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नारोवाल जिले के करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करने शनिवार सुबह पंजाब पहुंचे. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया. मोदी ने बेर साहिब गुरुद्वारा जाकर मत्था टेका.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करतारपुर के उद्घाटन के अवसर पर कहा, ‘मैं आज इस पवित्र धरती पर आकर धन्य अनुभव कर रहा हूं. मेरा सौभाग्य है कि मैं आज देश को करतारपुर साहब कॉरिडोर समर्पित कर रहा हूं.’
पीएम मोदी ने भारत की भावनाओं के सम्मान के लिए इमरान खान का शुक्रिया किया.
PM Modi at Dera Baba Nanak: I would like to thank the Prime Minister of Pakistan, Imran Khan Niazi for respecting the sentiments of India. #KartarpurCorridor pic.twitter.com/9TKPZsxKWY
— ANI (@ANI) November 9, 2019
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव से पहले, इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट, करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना, हम सभी के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है. गुरु नानक देव जी, सिर्फ सिख पंथ की, भारत की ही धरोहर नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं. पीएम मोदी ने कहा, ‘इस कॉरिडोर के बनने के बाद अब गुरुद्वारा दरबार साहब के दर्शन आसान हो जाएंगे. उन्होंने यूनिस्को को भी धन्यवाद दिया.’
पीएम ने कहा, ‘किसे पता था वो युग बदलने वाले थे. लेकिन गुरु नानक देव जी सामाजिक परिवर्तन की बेहतरीन मिसाल थे. उन्होंने हमें सीख दी कि धन तो आता जाता रहेगा पर सत्य हमेशा रहेगा पर अगर हम अपने मूल्यों पर अडिग बने रहते हैं तो समृद्धि बानी रहती है करतारपुर के कण कण में नानक देव जी के पसीने की मिली है.’
उन्होंने हमें यह शिक्षा दी कि छोटे बड़े का कोई भेद नहीं होता, सब के सब बराबर होते हैं, बिना किसी भेदभाव के सभी मिलकर काम करते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आर्टिकल 370 के ख़त्म होने से सभी सिख़ समुदाय के लोगों को जम्मू कश्मीर में सभी अधिकार मिलेंगे. देश के लिए बलिदान देने वालो के लिए मदद के लिए सरकार ने कदम उठाये हैं.’
पीएम मोदी ने पाकिस्तानी पीएम को उनके पूरे नाम इमरान खान नियाजी के नाम से पुकारते हुए उन्हें 1971 में पाकिस्तान (जब आज के बांग्लादेश और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) द्वारा अपने ही लोगों के खिलाफ नरसंहार और लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी द्वारा निभाई गई भूमिका की याद दिलाई.